कोरो, कोमिल जाँ बाप्तिस्त (१७९६-१८७४), फ्रेंच भूदृश्य (लैंड स्केप) तथ प्रतिकृति (पोट्रेट) चित्रकार। उन्होंने आरंभ में प्रकृतिचित्रण किया फिर जब १८२५ में उन्होंने इटली की यात्रा की तब उनकी चित्रणशैली बदल गई। इस काल के बनाए हुए चित्र उनके समस्त चित्रों में उत्कृष्ट माने जाते हैं। इनमें मुख्य फोरम और नार्नी का दृश्य हैं जो लूब्र में सुरक्षित हैं। इटली की दूसरी यात्रा के बाद कोरो बृहदाकार ऐतिहासिक विषयों का चित्रण करने लगा। शताब्दी बाद उसकी शैली में क्रांतिकारी परिवर्तन हो गया। उसने वातावरणीय उस महीन शैली का आरंभ किया जिसके लिये वह प्रसिद्ध है। अब वह रोमांटिक भावात्मकता से अभिभूत था। वे १९वीं शती को क्लासिफल शैली से रोमांटिक शैली को जोड़नेवाली कड़ी माने जाते हैं। अंतिम दिनों में उन्हें बड़ी लोकप्रियता मिली और उनका बड़ा सम्मान हुआ।

(पद्मा उपाध्याय)