कोरस दो अथवा दो से अधिक व्यक्तियों का सामूहिक रूप से गान अथवा सहगान मंडली। यह शब्द मूलत: यूनानी है और अंगरेजी के माध्यम से भारतीय भाषाओं में प्रविष्ट हुआ है तथा नाटक अथवा सार्वजनिक स्टेज पर सामूहिक रूप में किए जानेवाले गायन के लिये प्रयुक्त होता है। यूनानी भाषा में इस शब्द का प्रयोग संगीतयुक्त ऐसे धार्मिक नृत्यों के लिये होता था जो विशेष अवसरों अथवा त्योहारों पर किए जाते थे। (परमेश्वरीलाल गुप्त)