कैस्पियन सागर संसार की सबसे बड़ी झील (स्थिति : ३७० से ४७० उ. अ., ४७० से ५५० पू दे.)। क्षेत्रफल १,७०,००० वर्ग मील, आयतन ७९,३२० घन किलोमीटर, अपवाह क्षेत्र ३७,३३,००० वर्ग किलोमीटर। इसके पूर्व, उत्तर तथा पश्चिम में सोवियत संघ तथा दक्षिण में ईरान स्थित हे। इसका पानी अन्य सागरों की अपेक्षा कम खारा है। कुछ भागों में इसकी गहराई बहुत अधिक और कुछ में बिल्कुल कम है। इसका तल अन्य सागरों की अपेक्षा नीचा है। प्राचीन काल में वंक्षु (आक्सस) नदी इसी में गिरती थी; अब इसमें बाल्गा, कूरा (Kura), यूराल आदि नदियाँ गिरती है। इसमें उपयोगी मछलियाँ पाई जाती है अत: आसपास मत्स्य उद्योग की प्रधानता है। नाविकों को यहाँ सागरयात्रा का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। अस्त्राखान, बाकू तथा अस्त्राबाद इसके मुख्य पत्तन है। इस सागर में संपूर्ण वर्ष नौपरिवहन कठिन तथा भयावह है। सोवियत संघ ने कैस्पियन में युद्धपोतों का एक बेड़ा रखा है और अपना नौसेना केंद्र क्रैसनोवोटस्क में स्थापित किया है। नदियों तथा नहरों के माध्यम से इसका सीधा जलयातायात संबंध, काला सागर, बाल्टिक सागर तथा श्वेत सागर से कर दिया गया है। (शिवमंगल सिंह)