कैमरून (देश) अफ्रीका के मध्य पश्चिम तटीय भाग का एक प्रदेश। इस प्रदेश का मध्य तथा दक्षिणी भाग पठारी है, जिसकी ऊँचाई लगभग २,००० फुट है और जो पश्चिम में ऊँचा होकर संकीर्ण समुद्री तट निर्मित करता है दक्षिणपूर्व मे कोंगो वेसिन में क्रमश नीचा होता गया है। उत्तर और उत्तरपश्चिम में चाप की तरह फैली विदीर्ण किंतु विषय धरातलीय ऊँची पर्वतश्रेणियाँ हैं। इसके उत्तर में ऐडामावा (Adamawa) का पहाड़ी क्षेत्र तथा उत्तर में मैदानी भाग तथा चैंड झील है। इस प्रदेश में चार विभिन्न प्रणालियाँ है। १, अतलांतक महासागर में गिरनेवाली सनगा तथा न्योंग प्रणाली २,चाड झील प्रणाली जिसमें लोगोण तथा अन्य नदियाँ मिलती है ३, कांगो प्रणाली ४, नाइजर प्रणाली। जलवायु उष्मकटिबंधीय है। पठार पर ५० से ६० चैड बेसिन मे २० तथा कैमरून पर्वत क्षेत्र में ४०० से ५०० तक औसत वर्षा होती है। वनों में महोगनी, एवोनी, सागोण तथा अन्य बहुमूल्य लकडियाँ मिलती है। चावल, मक्का, केला, आलुक (याम Yams) कसावा (Cassava) आदि की कृषि होता है। कहवा तथा कपास, के जंगली पौधे भी मिलते हैं।
१९१६ ई. से पूर्व यह जर्मनी का उपनिवेश था। प्रथम महायुद्ध काल में फ्रेंच और अंग्रेजी सेना इस पर अधिकार कर लिया। इसके बड़े भाग मे फ्रेंच का शासन रहा। १ जनवरी, १९५९ ई. को यह फ्रेंच ट्रस्टीशिप के अंतर्गत आया और १ जनवरी १९६० ई. को उसे पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त हुई। जो भाग अंग्रेजों के शासन में था उसके दो भाग थे। उत्तरी भाग ने १९६१ की फरवरी में जनमत गणना के आधार पर नाइजीरिया के संघराज्य में सम्मिलित होने का निश्चय किया। फलत अब वह नाइजीरिया संघ राज्य का अंग है। किंतु दक्षिण में कैमरून के संघराज्य में सम्मिलित कर लिया गया।
कैमरू न राज्यसंघ का क्षेत्रफल ४,७४००० वर्गमील है और उसकी जनसंख्या लगभग ५,७०,००,००० है। इसके मुख्य नगर हैं याउंडे, डौला, कांगसंबा, ईडिया, मारूआ एवोलोना, गरूआ, तिको, कुंथा बमेडा, विक्टोरिया और ब्युआ । (काशीनाथ सिंह.परमेश्वरीलाल गुप्त)