कैनिंग जार्ज (१७७०-१८२७)। अंग्रेज राजनीतिज्ञ। ११ अप्रैल १७७० को लंदन में जन्म। पिता की मृत्यु के बाद माँ ने अपना दूसरा विवाह कर लिया। फलत: उनके चचा स्फैटर्ड कैनिंग ने उनकी देखभाल की। उन्होंने एटन और आक्सफर्ड में शिक्षा प्राप्त की। १८९२ में आक्सफर्ड से निकले और एक वर्ष पश्चात् पार्लमेंट में पिट के सहायक के रूप में भाग लेना आरंभ किया। १७९६ में विदेश संबंधी विभाग में उपसचिव नियुक्त हुए। तीन वर्ष पश्चात् भारत के कमिश्नर बनाए गए। १८०० ई. में सेना के ज्वाइंट पे मास्टर रहे। पिट के इस्तीफा देने पर इन्होंने भी इस्तीफा दे दिया। पिट ने जब दूसरी बार शासन ग्रहण किया तब कैनिंग नौसेना के कोषाध्यक्ष नियुक्त हुए। पिट के मरने के बाद फॉक्स के नेतृत्व में काम करने से इनकार कर दिया। फॉक्स की मृत्यु के पश्चात् पुन: मंत्रिमंडल में वैदेशिक मंत्री बने और स्पेन से लड़ाई आरंभ की। १७१८ में ईस्ट इंडिया कंपनी के अध्यक्ष नियुक्त हुए और पिंडारियों तथा मराठों के विरूद्ध लड़ने में लार्ड हेस्टिंग्ज की सहायता की।

१८२२ में पुन: विदेश मंत्री बने और हाउस ऑव कार्मस के नेता चुने गए। विदेशी नीति के कारण ही इनकी प्रसिद्धि हुई। ये विदेशी झगड़ों में मौन रहे और पूर्वी आंदोलन का समर्थन किया। कैनिंग की नीति तटस्थता की रही, पर लापरवाही की कभी नहीं रही। उन्होंने संयुक्त संघ का साथ देने से इनकार कर दिया क्योंकि वह स्पेन के मामले में हस्तक्षेप कर रहा था। उनका कहना था कि अगर फ्रांस स्पेन पर अधिकार जमाना ही चाहता है तो उसे स्पेन के उपनिवेशों से हाथ धोना पड़ेगा। मैंने नई दुनिया की नींव इसी लिए डाली है कि वह पुरानी दुनिया की राजनीति के दबाव से मुक्त हो।

लीवरपूल के पश्चात् कैनिंग ने प्रधान मंत्री का पद सँभाला। मगर अधिक समय तक जीवित न रहे। ८ अगस्त, १८२७ ई. को उनकी मृत्यु हो गई। (मोहम्मद अजहर असगर अंसारी)