कैथरीन संत रोमन काथलिक संप्रदाय के महिला संतों की उपाधि इस नाम की अब तक आठ महिला संत हुई हैं-

  1. सिकंदरिया की संत कैथरीन (चौथी श. ई.)। एक दंतकथा के अनुसार इन्होंने धार्मिक वाद विवाद में सम्राट् मैक्सेंसियस (सन् ३०३-३१२ ई.) को निरुत्तर कर दिया था तथा सम्राट् के बुलाए हुए ५० दार्शनिकों को ईसाई धर्म में दीक्षित कर लिया था, जिससे सभी शहीद बन गए। बाद में सम्राट् ने कैथरीन को अनेक प्रकार की यातनाएँ देकर विचलित करने का निष्फल प्रयत्न किया तथर अंत में इनका सिर कटवाया था। मध्यकालीन गिरजे में संत कैथरीन अत्यंत लोकप्रिय थीं तथा उन्हें दर्शन की संरक्षिका माना गया।
  2. स्वीडन की संत कैथरीन (सन् १३३०-१३८१ ई.)।
  3. सिना की संत कैथरीन (सन् १३४७-१३८० ई.)। इनका जन्म इटली के सिएसा नामक नगर में हुआ था। १४वीं शताब्दी के धार्मिक इतिहास में इन दोमिनिकी धर्मसंघिनी का अपना विशेष स्थान है। इनका अनुरोध स्वीकारकर रोमन कैथलिक गिरजे के परमाध्यक्ष (पोप) ग्रेगोरी एकादश आविन्यों (Avignon) छोड़ कर रोम लौटे। संत कैथरीन के १८० पत्र सुरक्षित है; इनकी सुप्रसिद्ध रचना का नाम डायलोग (संवाद) है, जिसमें ईश्वरतथा संत कैथरीन के संवाद के रूप में अनन्य भगवभ्दक्ति का निरूपण तथा परमात्मा की दयालुता का गुणगान किया है। भाषा के सौंदर्य के कारण संत कैथरीन को प्राय: दांते (Dante) और पेत्रार्क की श्रेणी में रखा जाता है।
  4. बोलोन्या की संत कैथरीन (सन् १४१३-१४६३ ई.)। एक फ्रांसिस्की भिक्षुणी जिसकी साधना विषयक एक रचना के बहुत से संस्करण छप चुके हैं।
  5. जेनोवा की रहस्यवादिनी संत कैथरीन (सन् १४४७-१५१० ई.) इनकी रचनावली प्रथम बार सन् १५५१ ई. में इनके शिष्यों द्वारा प्रकाशित हुई थी; वास्तव में इन्होंने स्वयं कुछ नहीं लिखा है ।
  6. रिच्ची की संत कैथरीन (सन् १५२२-१५८० ई.) फ्लोरेंस की एक दोमिनिकी रहस्यवादिनी ।
  7. मयोर्का टापू की संत कैथरीन थोमस (सन् १४३१-१५७१ ई.)
  8. संत कथरीन लानूरे (सन् १८०६-१८७६ ई.)। इन्होंने बूढ़ों की सेवा सुश्रूषा करते हुए पेरिस के एक अस्पताल में अपना अधिकांश जीवन बिताया (कामिल बुल्के)