कैथरीन (इग्लैंड की महारानी)। (१) हेनरी पंचम की पत्नी और फ्रांस के चार्ल्स षष्ठ की पुत्री। हेनरी पंचम जब प्रिंस ऑव वेल्स के रूप में युवराज थे, उन दिनों हेनरी चतुर्थ ने उनका विवाह इसकी दो बड़ी बहनों से करना चाहा पर जब वह संभव न हो सका तब १४१३ ई. में इससे विवाह की चर्चा चली। इसी बीच हेनरी पंचम स्वयं राजा हो गए। तब उन्होंने विवाह प्रस्ताव के साथ साथ दहेज के रूप में भारी रकम तथा नारमंडी और फ्रांस के कतिपय प्रदेशों के लौटाए जाने की माँग की जिसे फ्रांस नरेश ने स्वीकार नहीं किया। फलत: दोनों देशों के बीच युद्ध छिड़ गया। २ जून, १४२० को संधि होने पर हेनरी के साथ कैथरीन का विवाह संपन्न हुआ और उसने एक पुत्र को जन्म दिया जो हेनरी षष्ठ के नाम से शासक हुआ। अगस्त, १४२२ ई. में हेनरी पंचम की मृत्यु के बाद पार्लमेंट के विरोध के बावजूद उसने ओवेन ट्यूडर से विवाह कर लिया। १४३६ ई. में जब ट्यूडर बंदी कर लिया गया तो कैथरीन बर्मांडसे मे मठ में चली गई। वहीं ३ जनवरी,१४३७ ई. को उसकी मृत्यु हुई। ट्यूडर से कैथरीन को तीन बच्चे हुए जिनमें ज्येष्ठ एडमंड, रिचमंड के अर्ल हुए और वे हेनरी सप्तक के पिता थे।

  1. हेनरी अष्टम की पत्नी जो स्पेन नरेश फर्डिनेंड की पुत्री थी। १५०१ ई. में वे स्पेन से इंग्लैंड आईं और हेनरी सप्तम के ज्येष्ठ पुत्र आर्थर से उनका विवाह हुआ। २ अप्रैल, १५०२ को जब युवराज की मृत्यु हो गई तो उनका पुनर्विवाह पोप की अनुमति से उनके ही देवर हेनरी से होना निश्चित हुआ किंतु विवाह तत्काल न हो सका। स्पेन नरेश ने विवाह में जो कुछ देना स्वीकार किया था उससे मुकरने लगा और हेनरी सप्तम ने नई नई शर्तें रखना शुरू किया। इस प्रकार कैथरीन राज की राजनीति की शिकार हुई और उसे तरह तरह की यंत्रणाएँ सहनी पड़ी। हेनरी सप्तम की मृत्यु के पश्चात् ही हेनरी अष्टम से ११ जून १५०९ ई० को उसका विवाह हुआ। आरंभ में तो दोनों का दांपत्य जीवन सुखद रहा, पर शीघ्र ही राजनीति उसके आड़े आई। उसके विवाहविच्छेद के अनेक प्रयास किए गए ओर २३ मई, १५३३ को आर्कविश्प क्रैमर ने उसके विवाह को अवैध घोषित किया और १० अगस्त को वह रानी के पद से

वंचित कर दी गई। हेनरी अष्टम ने एनी बोलेन नामक महिला से विवाह कर लिया । फलत: कैथरीन धार्मिक जीवन व्यतीत करने लगी। साथ ही आजीवन वह अपने विवाह की अवैधता तथा एनी बोलेन के शिशु के राज्याधिकार की वैधता स्वीकार कर लेने से इनकार करती रही। फलत: उसे मार डालने की धमकी दी जाने लगी और उससे उसकी बेटी मेरी छीन ली गई और उसके सारे वाहय संर्पक बंद कर दिए गए। फलत: उसका स्वास्थ्य खराब हो गया और ८ जनवरी १५३६ को उसकी मृत्यु हुई।

(३) इंग्लैंड नरेश चार्ल्स द्वितीय की पत्नी और पुर्तगाल नरेश जान चतुर्थ की पुत्री । इस विवाह का उपयोग पुर्तगाल ओर इंग्लैंड के बीच अच्छे संबंध बनाने के लिये किया गया था। २३ जून १६६१ ई. को यह विवाह संपन्न हुआ। जिसकेपरिणमस्वरूप इंग्लैड को टैंजियर और बंबई के पुर्तगाली प्रदेश, पुर्तगाल में व्यापार की तथा धर्म संबंधी कतिपय सुविधाएँ प्राप्त हुई। साथ ही लगभग ३लाख पौंड नकद प्राप्त हुए। बदले मे इंग्लैंड ने स्पेन के विरूद्ध सैनिक सहायता देना स्वीकार किया; पर इस विवाह से कैथरीन को दांपत्य सुख प्राप्त न हो सका। अनेक बार उसके परित्याग के प्रयास हुए यद्यपि वे सफल न हुए। चार्ल्स द्वितीय की मृत्यु के पश्चात् कुछ दिनों वह इंग्लैंड रही तदनंतर १६९२ में वह लिस्बन चली गई। वहाँ रहते हुए उसने पुर्तगाल ओर इंग्लैंड के राजनीतिक संबंध दृढ़ करने का प्रयास किया। १७०४ ई. में जब उसके भाई पुर्तगाल नरेश पेडरो द्वितीय बीमार पड़े तो वह पुर्तगाल के शासन की संरक्षिका बनाई गई और उसके इस शासनकाल में पुर्तगाल को स्पेन के विरूद्ध अनेक सफलता मिली। ३१ दिसंबर, १७०५ को उसकी मृत्यु हुई। मरते समय उसने अपनी सारी अर्जित संपत्ति अपने भाई को वसीयत कर दी थी। (परमेश्वरीलाल गुप्त)