कैटभ, मधु-कैटभ मधु और कैटभ नामक दो राक्षस जिनकी उत्पत्ति कल्पांत तक सोते हुए विष्णु के दोनों कानों से हुई थी। जब वे ब्रह्मा को मारने दौड़े तो विष्णु ने उन्हें नष्ट कर दिया। तभी से विष्णु को मधुसूदन एवं कैटभाजित् कहते हैं। मार्कंडेय पुराण के अनुसार कैटभ का नाश उमा द्वारा हुआ था जिससे उन्हें कैटभा कहते हैं। हरिवंश पुराण की अनुश्रुति है कि दोनों राक्षसों की मेदा की ढेर के कारण पृथ्वी का नाम मेदिनी पड़ गया। (रामाज्ञा द्विवेदी 'समीर')