किजिल ईमाक इसका शब्दार्थ लाल नदी है। यह तुर्की देश की नदी हैं जिसका प्राचीन नाम हेलिस था। यह लघु एशिया (एशिया माइनर) की सर्वाधिक लंबी नदी है जो समुद्रतल से ६,५०० फुट ऊँचे किज़िल दाग नामक पर्वत से निकलकर लगभग ५०० मील लंबे, टेढ़े मेढ़े मार्ग से प्रवाहित होती हुई बाफरा के उत्तर कृष्ण सागर में गिरती है। समुद्र में गिरने से पहले यह नदी डेल्टा बनाती है जिसे बफ्रा का मैदान कहते हैं। यह मैदान कृषि के लिए सुप्रसिद्ध है। यह नदी परिवहन कार्य के सर्वथा अयोग्य है। देलिजि ईमाक तथा गेंक, ईमाक, क्रमश: दाईं तथा बाईं ओर से प्रवाहित होनेवाली, इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ हैं। (शांतिलाल कायस्थ.)
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