काहिरा (अंग्रेजी :काइरो; अरबी : अल काहिरा) अफ्रीका महाद्वीप का सबसे बड़ा नगर नील नदी के दाहिने किनारे पर नदी तथा उत्तर-पश्चिमी पहाड़ के अंतिम छोर के मध्य मे स्थित है। यद्यपि इस समय इसके प्राचीन रूप में यथेष्ट परिवर्तन हो गया है, फिर भी पतली-पतली गलियों के दोनों तरफ विभिन्न प्रकार के रंगबिरंगे मकानों का पाया जाना साधारण बात है। मकान अधिकतर पीले रंग के चुने के पत्थरों से बने हैं। सभी बाजारों में लोहार, सोनार, मोची तथा बेलबूटों का कार्य करनेवालों की दूकानें दृष्टिगोचर होती हैं। यहाँ के सर्वप्रसिद्ध बाजार खान-अल-खलीली तथा कसेरा (ब्रास वर्कर्स) बाजार हैं। आधुनिक काहिरा के पश्चिमी भाग में यूरोपीय सुंदर बस्ती इस्माइलिया नाम से प्रसिद्ध है। यहाँ की सबसे प्रसिद्ध औद्योगिक गली मुस्की है। संपूर्ण नगर में २५० से भी अधिक मसजिदें हैं। सबसे अच्छी मसजिद का निर्माण सन् १३५७ ई. में सुल्तान हसन नाम से हुआ है। यहाँ की सबसे पुरानी मसजिद का निर्माण ९वीं शताब्दी में अहमद इब्न तुलुन ने कराया था।
यह इस्लामी जगत् का सुप्रसिद्ध नगर तथा शिक्षाकेंद्र है। यहाँ के विख्यात विश्वविद्यालय अल अजहर में सभी मुसलमानी देशों के विद्यार्थी शिक्षार्थ आते हैं। शहर की उत्तरी दीवार में बाब अलनस (विजय द्वार) नामक फाटक से प्रतिवर्ष बहुत से लोग मक्का को जाते हैं। यहाँ पर मुसलमानों की मसजिद के अतिरिक्त ग्रीस तथा ज़ेविस के गिरजाघर भी दर्शनीय हैं।
वर्तमान नगर के इस्माइलिया महल में मिस्र का राजनिवास तथा आब्दीन महल में संसदीय, शासकीय तथा आतिथ्य कार्य संपन्न किया जाता है। यहाँ पर एक अरब अजायबघर तथा राजकीय पुस्तकालय भी है। यहाँ से शैलाल, अलेक्ज़ैड़िया,, इस्माइलिया, पैलेस्टाइन, बेरूत तथा सीरिआ तक रेलवे लाइनों का निर्माण कर दिया गया है। यातायात भी प्रधानत: इसी नगर से होता है।
इस नगर का निर्माण जोहार एक फौजी अफसर ने सन् ११६९ ई. में मिस्र को जीतकर किया था। सन् ११७६ ई. में सलादीन नामक सुलतान ने इसके चारों तरफ पत्थर की पक्की दीवार का निर्माण कराया। सन् १५७१ से १७९८ तक इस नगर पर तुर्कों का आधिपत्य रहा। अंतिम वर्ष में नेपोलियन ने इसको अपने अधिकार में कर लिया। सन् १८०१ में फिर इसपर तुर्कों तथा अंग्रेजों का आधिपत्य स्थापित हो गया। द्वितीय महायुद्ध के समय यह ब्रिटिश फौजी दफ्तर का प्रधान केंद्र था। तब से यह नगर कई विश्वप्रसिद्ध अधिवेशनों और सम्मेलनों का केंद्र बनता रहा। नगर का क्षेत्रफल २१४.२ वर्ग कि.मी. है। (ब.सिं.)
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