कालयवन यवनराज का अत्यंत शक्तिशाली पुत्र। नारद से यादवों की वीरता की प्रशंसा सुनकर एक विशाल म्लेच्छ सेना लेकर उनसे युद्ध करने गया। कृष्ण को बिना शस्त्र के अपनी ओर आते देखकर रथ से कूदकर उनका पीछा गया। कृष्ण भागते हुए एक पर्वत की गुफा में घुस गए जहाँ मांधाता के पुत्र राजा मुचुकुंद सोए हुए थे। कालयवन भी उसमें घुस गया और कुचुकुंद को कृष्ण समझकर पैर मारा। मुचुकुंद ने जगने पर जैसे ही उसपर दृष्टिपात किया, वह भस्म हो गया। (रा.शं.मि.)