कारनेगी, डेविड एक अन्वेषक था जो पश्चिमी आस्ट्रेलिया के मरुस्थलीय क्षेत्र में सोना तथा चरागाह की प्राप्ति के उद्देश्य से सन् १८९५ ई. से १८९७ ई. तक भ्रमण करता रहा। जुलाई, १८९६ ई. में इसने कूलगार्डी की सोने की खान से उत्तर में किंबरले (Kimberley) के पठार तक लगभग ५,००० मील की यात्रा आठ मास में तय की, किंतु यह सोना और चरागाह, दोनों की खोज में असफल रहा। इस यात्रा का सजीव वर्णन उसने अपनी 'स्पिनिफ़ेक्स ऐंड सैंड' (Spinifex and Sand) नामक पुस्तक में किया है। इसके द्वारा पश्चिमी आस्ट्रेलिया के मरुस्थलीय क्षेत्र की विशेष जानकारी प्राप्त होती है। कारनेगी ने उक्त पुस्तक में ३० फुट से लेकर ५० फुट तक ऊँचे बालू के टीलों के मिलने का उल्लेख किया है। ये इस मरुस्थलीय क्षेत्र में २६स् द.अ. के उत्तर लगभग ४०० मील तक फैले हैं। (न.प्र.सिं.)