कामरो द्वीप हिंद महासागर मैडागास्कर द्वीप तथा अफ्रीका महाद्वीप के बीच में स्थित है (स्थिति १२स् द.अ. तथा ४५स् पू.दे.)। यह द्वीपसमूह फ्रांसीसियों के शासन में है। क्षेत्रफल २,१७० वर्ग कि.मी., जनसंख्या २,७५,२२७ (१९७०)। इन द्वीपों की संरचना मुख्यरूप से ज्वालामुखी के उद्गारों के ही कारण मानी जाती है। कुछ छोटे-छोटे प्रवालों की संरचना के माने जाते हैं। यहाँ के निवासी मुख्य रूप से इस्लाम धर्मावलंबी हैं। कुछ भारतीय तथा यूरोपियन लोग भी हैं। लोगों का मुख्य व्यवसाय जहाजरानी करना तथा निकटवर्ती द्वीपों के बीच व्यापार करना है। इसकी राजधानी मोरोनी है जिसकी अनुमित जनंसख्या ११,५१५ (१९७०) है। द्वीपसमूह में अनेक द्वीप सम्मिलित हैं जिनमें चार मुख्य हैं :

१. ग्रेट कामरो या अंगाजिया पश्चिम में स्थित सबसे बड़ा द्वीप है। इसका क्षेत्रफल १,१४८ वर्ग कि.मी.; अनुमित जनसंख्या १,२६,२०५ (१९७०) है। इसके दक्षिणी छोर पर करतोला नाम का जाग्रत ज्वालामुखी पहाड़ है। मध्य का भाग लावा से आच्छादित है। मुख्य नगर मोरोली है जहाँ फ्ऱांसीसी प्रशासक निवास करता है।

२. अंजौन या जोहन्ना ग्रेट कामरों के दक्षिण-पूर्व में स्थित है। धरातल का क्रमिक विकास मध्य की तरफ है। मोसामांड इसका मुख्य नगर है।

३. मायोट्टी का क्षेत्रफल ३७४ वर्ग कि.मी., अनुमित जनसंख्या ३१,९३० (१९७०) है। द्वीप के चारों ओर प्रवाली भित्तियों का जमाव है। धरातल पर्वतीय है। मसापेरे यहाँ का मुख्य केंद्र है।

४. मोहीलीयह द्वीप प्रथमोक्त दो द्वीपों के मध्य में स्थित है। क्षेत्रफल २९० वर्ग कि.मी., अनुमित जनसंख्या १०,३०० (१९७०) है। धरातल पर्वतीय है। मध्य के भाग की औसत ऊँचाई १,९०० फुट है। फांबुनी तथा नुमाचोआ मुख्य कस्बे हैं।

ग्रेट कामरो द्वीप अनुपजाऊ है। अन्य सभी द्वीपों में धान, मक्का, आलू, कपास, वनीला, खजूर आदि पैदा होते हैं। मुख्य पेशा खेती करना, नाविक का काम तथा मछली पकड़ना है। निवासियों के पास फलों के उद्यान तथा पशुधन भी हैं। (ह.ह.सिं.)