काच तंतु काच से पूर्णत: निर्मित तंतु के लिए काच तंतु (glass fibre) शब्द का प्रयोग होता है।

निर्माण विधि-प्लैटिनम धातु के बने प्यालों के पेंदे के अति सूक्ष्म छिद्रों से द्रवित काच अति संपीडित जलवाष्प, या वायु, द्वारा निकलने पर और शीघ्रता से खींचने पर काच तंतु बनता है। कर्षण करने की गति प्राय: ६,००० फुट प्रति मिनट होती है। प्रत्येक तंतु की अनुप्रस्थ काट वृत्ताकार होती है और इसका व्यास ०.०००५ से ०.०००३ इंच तक होता है, इसकी लंबाई ६ से १५ इंच तक होती है। छिद्रों के नीचे वाहकपट्ट (Conveyor) पर तंतु संगृहीत होते हैं। इन संगृहीत तंतुओं को ही काच की रुई (glass wool) कहा जाता है। काच की रुई को दवा और नमदे की भाँति जमाकर काच के बहुत कोमल कंबल भी बनाए जाते हैं। काच वस्त्र के निर्माण के लिए आध इंच के व्यास की काच की गोलियाँ बना ली जाती हैं। इन गोलियों को विद्युत् भट्ठी में द्रवित किया जाता है और प्लैटिनम धातु के प्यालों के अति सूक्ष्म छिद्रों से निकालकर तंतुओं को अति शीघ्रता से और बिना किसी ऐंठन के, कर्षण यंत्र के तकुआ द्वारा खींचा जाता है। आधुनिक कर्षण प्रणाली में अनेक (२०० से अधिक) तंतुओं को मिलाकरएक तंतु बनाया जाता है जहाँ पूर्वोक्त रीति से बने १०-१२ तंतुओं को मिलाकर एवं बटकर भिन्न प्रकार के काच के सूत बनाए जाते हैं। अंत में बुनने की साधारण मशीनों पर सूती और रेशमी वस्त्रों के सदृश ही बुने जाते हैं। ये वस्त्र देखने और छूने में, रेशमी वस्त्रों के समान होते हैं।

गुण-काच तंतु पर रासायनिक अम्लों एवं क्षारों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। काच की भाँति केवल हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से इसका संक्षारण होता है। यह ६००रू सें. तक के ताप को सहन कर सकता है और इस ताप पर यह कोमल हो जाता है। बिना कते तंतु की अपेक्षा कते तंतु और उनकी अपेक्षा काच वस्त्र कहीं अधिक ताप सहन कर सकते हैं। काच तंतु में किसी प्रकार के कीड़े नहीं लगते और काच वस्त्र को अम्ल, साबुन अथवा केवल जल से धोकर साफ किया जा सकता है। रंगीन काच से रंगीन धागे और रंगीन वस्त्र निर्मित हो सकते हैं। ये रंग टिकाऊ एवं पक्के होते हैं। काच तंतु गरमी या ठंड रोकने के लिए भी उपयुक्त हैं, क्योंकि ये उत्तम असंचालक हैं। विशेष काच द्वारा उत्पादित काच तंतु विद्युत् के लिए भी उत्तम पृथक्कारी (insulator) हैं। काच तंतु ध्वनि को भी आगे बढ़ने से रोकता है। उत्तम ध्वनि संहारक होने के कारण इसका उपयोग ध्वनिकी (Acoustics) होता है। काच वस्त्रों से पर्दे, मेज के कपड़े और नेकटाई आदि बनाए जाते हैं। काच तंतु में तनाव शक्ति बहुत अधिक होती है, अत: किसी वस्तु में अधिक तनाव शक्ति लाने के लिए प्लास्टिक के भीतर काच तंतु रख दिए जाते हैं और विशेष पीडन क्रिया से उसमें अधिक तनाव शक्ति आ जाती है। ऐसी वस्तुओं का उपयोग हवाई जहाज के काया निर्माण में विशेष रूप से हो रहा है।

भारत में किसी भी प्रकार के काच तंतु का निर्माण अभी नहीं होता है।