कमेनियस जॉन एमॉस (१५९२-१६७०)-मोराविया (अब चेकोस्लोवाकिया) के महान् शिक्षाविद्, धर्मशास्त्रवेत्ता और तत्वज्ञानी। आधुनिक शिक्षा की निगमन विधि और ज्ञान के क्षेत्र में अंतराष्ट्रीय सहकारिता के विचारों की पूर्वकल्पनाएँ उनके ग्रंथों में हैं। उनकी आधुनिक शिक्षाविज्ञान का जन्मदाता और विश्वविवेक का अग्रदूत कहा जाता है। उनके जीवन का महत्वपूर्ण भाग जर्मनी, पालैंड, हंगरी, स्वीडेन और हालैंड में व्यतीत हुआ। उन्होंने १४० से अधिक ग्रंथ लिखे। उनके प्रमुख ग्रंथों में 'द ग्रेट डाइडेक्टिक', 'लैबरिंथ ऑव द वर्ल्ड ऐंड द पैराडाइज़ ऑव द हार्ट', 'ए गाइड फ़ॉर इन्फ़ैंट स्कूल्स', 'ओरिबिस पिक्टस' और 'आयनुआ लिगुआरमे रिसरेटा' हैं। कमेनियस शिक्षा को जीवन में पूर्णता प्राप्त करने का अनंत शक्तिशाली साधन मानते थे। वे बालक के व्यक्तित्व की प्रतिष्ठा करने के पक्षपाती थे और उनका कहना था कि सफल शिक्षण का एकमात्र रहस्य प्राकृतिक नियमों का अनुपालन है। प्राग के कमेनियस संस्थान में कमेनियस के विचारों पर अनुसंधान करने की विशेष सुविधाएँ हैं।
सं.ग्रं.-एम.ए.कीटिंग : कमेनियस, मैकग्रॉ हिल, न्यूयार्क (१९३८); यूनेस्को कोरियर, (नवंबर, १९५७ अंक), २, प्लेस डी. फांटेनाय, पेरिस ७, फ्रांस। (म.द.श.)