कन्नौज उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले का एक नगर, गंगा के बाई और ग्रैंड ट्रंक सड़क से ३ कि.मी. की दूरी पर स्थित है। (स्थिति २७रू ३व् उ.अ. तथा ७९रू ५६व् पू.दे.)। किसी समय गंगा नदी इस नगर के पार्श्व से बहती थी। रामायण में इस नगर का उल्लेख मिलता है। तॉलेमी ने ईसा के काल में कन्नौज को कनोगिज़ा लिखा है। पाँचवीं शताब्दी में यह गुप्त साम्राज्य का एक प्रमुख नगर था। छठी शताब्दी में श्वेत हूणों के आक्रमण से यह काफी विनष्ट हो गया था। चीनी यात्री युवानच्वाङ, ने, जो हर्षवर्धन के समय भारत आया था, इस नगर का उल्लेख किया है। (द्र. 'कान्यकुब्ज')। ११वीं शताब्दी के आंरभिक काल में मुसलमानों के आक्रमण के कारण यह नगर काफी विनष्ट हुआ। ११९४ ई. में मुहम्मद गौरी ने इस नगर पर अपना स्वत्व जमाया। 'आइन अकबरी' द्वारा ज्ञात होता है कि अकबर के समय में यहाँ सरकार का मुख्य कार्यालय था। प्राचीन काल के भग्नावशेष आज भी लगभग छह कि.मी. व्यास के अर्धवृत्तीय क्षेत्र में वर्तमान हैं। इस नगर के निकट कई मसजिंदे, कब्रें तथा समाधियाँ हैं जिनमें बालापार तथा शेख मेंहँदी की समाधियाँ उल्लेखनीय हैं।

वर्तमान काल में यह नगर गुलाबजल, इत्र एवं अन्य सुगंधित पदार्थ बनाने के लिए प्रसिद्ध है। (द्र. 'कान्यकुब्ज')। (रा.ला.सि.)