कंचनजंगा सिक्किम-नेपाल-सीमा पर २८,१४६ फुट ऊँचा, गौरीशंकर (एवरेस्ट) पर्वत के बाद संसार का दूसरा सर्वोच्च पर्वतशिखर है। (स्थिति २७रू ४२फ़ उ.अ. ८८रू ९फ़ पू.दे.)। इस पर्वत की भूगर्भीय स्थिति हिमालय की मुख्य श्रेणी के सदृश है। यह तिब्बत एवं भारत की जलविभाजक रेखा के दक्षिण में स्थित है। इसीलिए इसकी उत्तरी ढाल की नदियाँ भी भारतीय मैदान में गिरती हैं। कंचनजंगा तिब्बती शब्दहै जिसका शाब्दिक अर्थ 'महान् हिमानियों के पाँच अतिक्रमण' है, जो इसकी पाँच चोटियों से संबंधित है। इसका दूसरा नाम कोंगलोचु है जिसका शाब्दिक अर्थ 'बर्फ़ का सर्वोच्च पर्दा' है। (सु.वृ.सिं.)