औरंगाबाद महाराष्ट्र राज्य के मराठवाड़ा क्षेत्र का प्रमुख नगर है। यह राज्यपुनर्गठन के पूर्व हैदराबाद राज्य में था। यह गोदावरी नदी की सहायक डुडना नदी के पास १९रू ५३फ़ उ.अ. एवं ७५रू २३फ़ पू.दे. पर स्थित, पूना से १३८ मील, हैदराबाद से २७० मील और बंबई से रेलमार्ग द्वारा ४३५ मील दूर है। यह अपने ही नाम के जिले का मुख्यालय है। १९६१ ई. के अंत में इस नगर की जनसंख्या ८७,५७९ थी।
यह प्रसिद्ध ऐतिहासिक नगर सन् १६१० ई. में फतेहनगर के नाम से बसाया गया था। शाहजहाँ के शासनकाल में दक्षिण की सूबेदारी करते समय औरंगजेब ने इसे अपनी राजधानी बनाया और इसका नाम औरंगाबाद रखा। मुगल साम्राज्य के अंतर्गत यह सेना का बड़ा केंद्र था। यहाँ कई ऐतिहासक इमारतें देखने योग्य हैं, जिनमें औरंगजेब की पत्नी का मकबरा, जिसकी तुलना ताजमहल से की जा सकती है, मुख्य है। इस जिले में अजंता और एलोरा की गुफाएँ एवं दौलताबाद का किला है, जिन्हें देखने का इस शहर से अच्छा प्रबंध है।
मनमाड से सिकंदराबाद जानेवाली मध्य रेलवे (मीटर गेज) की शाखा पर इसका प्रमुख स्टेशन मनमाड से ७० मील दूर है। धूनिया से शोलापुर जानेवाली मुख्य सड़क यहाँ से होकर जाती है।
यहाँ कई कालेज हैं तथा यह मराठवाड़ा विश्वविद्यालय का प्रधान कार्यालय है। यहाँ सूत कातने और कपड़ा बुनने की मिल है, जिसका नाम औरंगाबाद मिल्स लिमिटेड है। यह नगर निकटवर्ती क्षेत्र का व्यापारकेंद्र है। (ल.कि.सिं.चौ.)