ओसाका नगर जापान का एक मुख्य औद्योगिक केंद्र है। यह नगर तीन ओर पर्वतों से घिरा हुआ है परंतु दक्षिण-पश्चिम में ओसाका की खाड़ी है। यह नदियों की अनेक शाखाओं द्वारा बँटा हुआ है। ओसाका और कोबे के बीच पानी के जहाज चलते हैं। हिउगो (क्तत्दृढ़दृ) अथवा काबे ओसाका रेल के बड़े केंद्र हैं। १८७३ ई. में रेलमार्ग बनने के उपरांत कोबे में विदेशी व्यापार का विकास हुआ तथा ओसाका में पानी के जहाज का बंदरगाह बनाया गया।
रेनियो शोनिन ने सन् १४९५-९६ ई. में एक मंदिर बनवाया था, जहाँ पर इस समय एक दुर्ग बना हुआ है। वहीं पर यह नगर भी बस गया। १९२५ ई. में इस नगर का अधिक विकास हुआ और कुछ समय के लिए यहाँ की आबादी जापान के सब नगरों से अधिक हो गई थी। १९०९ ई. में लगभग एक तिहाई नगर आग लग जाने से नष्ट हो गया था। इसके पश्चात् अच्छे मकान तथा अधिक चौड़ी सड़कें बनीं। इस बंदरगाह का विकास बराबर होता जा रहा है। इसकी तुलना मैंचेस्टर से हो सकती है। (वि.मि.चं.)