ओएन, रॉबर्ट (१७७१-१८५८) ब्रिटेन का प्रसिद्ध समाजसुधारक तथा समाजवादी विचारक। जन्म १४ मई, १७७१ ई. को मांटगोमरीशायर, न्यूटन में हुआ। अपने जीवन के प्रारंभिक काल में उसे उच्च शिक्षा से वंचित रहना पड़ा। १९ वर्ष की अवस्था में वह मैंचेस्टर में एक सूती मिल का प्रबंधक नियुक्त हुआ और उसके प्रयत्नों से यह सूती मिल ब्रिटेन की सर्वोत्तम सूती मिल मानी जाने लगी।

न्यूलेनार्क मिल्स नामक एक नई मिल से साझीदारी हो जाने पर ओएन ने अपनी योजनाओं को कार्यान्वित किया। मिल मजदूरों के जीवन में उसने महान् परिवर्तन किया। जीवन की भौतिक सुविधाओं तथा व्यावसायिक दृष्टि से भी नई मिल सफल रही। समाजसुधारक के लिए यह मिल एक तीर्थस्थान बन गई। औद्योगिक क्रांति से पीड़ित ब्रिटेन के समाज के संमुख ओएन ने सामाजिक न्याय तथा मानवीय मान्यताओं का आदर्श रखा जिसकी मशीन युग को परम आवश्यकता थी।

अपने साझीदारों से मतभेद हो जाने पर उसने बेंथम तथा विलियम ऐलेन नामक विद्वानों के सहयोग से एक नई फर्म चलाई जिसने केवल पाँच प्रतिशत लाभ उठाने का निर्णय किया।

अपने विचारों को ओएन ने अपनी पुस्तक 'ए न्यू व्यू ऑव सोसाइटी' और 'ऐन एसे आन द प्रिंसिपल्स ऑव द फ़ारमेशन ऑव द ह्यूमन कैरेक्टर' में प्रकाशित किया। उसके अनुसार प्रत्येक व्यक्ति अपने वातावरण की उपज होता है। अतएव मानव चरित्र के सुधार के लिए योग्य वातावरण आवश्यक है। १८१५ में फैक्टरी सुधार आंदोलन में ओएन ने भाग लिया। यद्यपि ब्रिटेन की पार्लमेंट ने उसके प्रस्तावों को स्वीकार किया तथापि उनका संशोधन इस प्रकार किया गया कि ओएन के ध्येय की पूर्ति नहीं हो सकी।

ओएन के विचारानुसार सामाजिक दु:ख का प्रमुख कारण मशीनों तथा मानवीय श्रम की प्रतियोगिता थी। अतएव उसने ऐसे समाज की कल्पना की जहाँ मशीनों का प्रयोग मानवीय हित के अधीन हो। ओएन प्रचलित धर्मप्रणाली का भी विरोधी था। अतएव शासकवर्ग ने उसकी योजनाओं को घातक समझना प्रारंभ कर दिया। परंतु अपने विचारों को प्रयोगात्मक रूप देने के लिए ओएन ने अमरीका के इंडियाना नामक स्थान पर अपने व्यय से एक छोटा सा समाज स्थापित किया और उसे न्यू हारमनी नाम दिया गया। यद्यपि यह प्रयोग शांतिपूर्ण तथा नैतिक वातावरण में सरलता से चला तथापि अंत में धर्म तथा राजनीति की समस्या पर मतभेद बढ़ने लगा। ओएन का स्वप्न इस प्रकार अधूरा रह गया। उसके विचार में सारे विश्व को इस प्रकार के छोटे समाजों के आधार पर परिवर्तित किया जा सकता था।

१८२८ में ओएन लंदन में रहने लगा। अपने जीवन के अंत तक मजदूर आंदोलन में भाग लेकर तथा समय-समय पर लेखों तथा प्रस्तावों द्वारा वह अपने समाजवादी विचारों का प्रचार करता रहा। समाजवादी विचारधारा की उन्नति में ओएन को प्रमुख स्थान दिया जाता है। यद्यपि उसके विचारों को परवर्ती समाजवादी विचारकों ने नहीं अपनाया तथापि उसकी लगन तथा क्रियाशीलता के महत्व को सबने स्वीकार किया। १८५८ में उसकी मृत्यु हो गई।

सं.ग्रं.रॉबर्ट ओएन : ए न्यू व्यू ऑव सोसाइटी; ्थ्राोडिंग माई वे टृवेंटी सेविन ईअर्स आटोबायोग्राफी; रिवोल्यूशन ऑव द माइंड ऐंड प्रैक्टिस ऑव ह्यूमन रेस। (दे.रा.सिं.)