ऐस्पिरिन का रासायनिक नाम ऐसिटाइल सैलिसिलिक ऐसिड है। यह प्रथम बार १८९० में बनाया गया। यह ज्वरनाशक तथा पीड़ानाशक है और चिकित्सा में मुख्यत: पीड़ोपचार में प्रयुक्त होता है। सिर दर्द, पैशिक तथा वातजन्य पीड़ा और जुकाम में यह उपयोगी है। कदावित् यह सबसे अधिक प्रयुक्त तथा निर्दोष पीड़ानाशक द्रव्य है। ०.६ ग्राम की एक मात्रा के बाद पीड़ा से आराम शीघ्र होता है तथा दो, तीन घंटे तक इसका प्रभाव रहता है। (मो.ला.गु.)