ऐल्सैस लोरेन जर्मनी भाषा का एलज़ाम लो्थ्रंाजेन ५,६०० वर्ग मील का क्षेत्र है जिसे सन् १८७१ ई. में फ्रांस ने जर्मनी को अभ्यर्पित कर दिया था। सन् १९१९ ई. में यह फिर फ्रांस को दे दिया गया, परंतु सन् १९४० ई. में जर्मनी ने वापस ले लिया। १८७१ ई. के पश्चात् जर्मनी ने इसे तीन प्रशासनिक विभागों में विभाजित किया'ऊपरी ऐल्सैस', 'निचला ऐल्सैस' तथा लोरेन। फ्रांसीसियों ने भी इसे तीन विभागों में बाँटाहो-राइन (जनसंख्या सन् १९६८ में ५,८५,०१८), बा-राइन (जनसंख्या सन् १९६८ में ८,२७,३६७), तथा मोज़ेल (जनसंख्या सन् १९६८ में ९,७१,३१४)। प्राकृतिक रूप से भी ऐल्सैस की अपनी सीमाएँ हैं। पश्चिम में फ्रांस की सीमा, पूर्व में बाडेन तथा दक्षिण में यह स्विट्ज़रलैंड से घिरा है। इस क्षेत्र की जनसंख्या सन् १९३६ ई. में १९,१५,६२७ थी, जिनमें से केवल दस प्रतिशत ही फ्रांसीसी बोलनेवाले थे, अन्य सब जर्मन (जैसे स्विटज़रलैंड के बेसल अंचल में बोली जानेवाली जर्मन भाषा) बोलनेवाले थे। यद्यपि ऐल्सैस में पोटाश तथा मिट्टी के तेल का उत्पादन होता है, तथापि यह प्रदेश कृषि उत्पादन, वस्त्र, मशीनों इत्यादि के लिए अधिक प्रसिद्ध है। लोरेन का अत्यधिक महत्व यहाँ के लोहे तथा कोयले के कारण है, जो औद्योगिक तथा सामरिक दोनों दृष्टियों से यूरोप में शक्ति के पासंग हैं। इसके अतिरिक्त यह बड़े-बड़े व्यापारिक तथा आवागमन के अन्य मुख्य मार्गोराइन, सैवर्न तथा बर्गेडी के द्वारपर होने से फ्रांस तथा जर्मनी दोनों के लिए सोने की चिड़िया है। इसका २,००० वर्षो का इतिहास बताता है कि यह यूरोपीय राजनीति में सदैव झगड़े की जड़ रहा है और सन् १८७० ई. से तो विश्व राजनीति में भी काफी प्रसिद्ध रहा है। इसकी पूर्वी सीमा पर उत्तर से पूर्व दिशा में ११५ मील तक राइन नदी बहती है, स्ट्रैबर्ग के नीचे ईल (लंबाई १२७ मील) इसमें योग देती है। संपूर्ण प्रदेश का प्राय: ५०ऽ भाग कृषि योग्य है, ११.६ चरागाह के योग्य तथा ३०.८ऽ जंगल है। इस प्रदेश के मुख्य नगर स्ट्रैसबर्ग (जनसंख्या सन् १९६८ में २,४९,३९६), मेट्ज़ (जनसंख्या सन् १९६८ में १,०७,४३७) तथा क्लोमार हैं। अब यह प्रदेश पश्चिमी शक्तियों के अधीन है। (श्या.सुं.श.)