ऐल्ब्युमिनमेह एक रोग है, जिसमें मूत्र में ऐलब्युमिन उपस्थित मिलता है। मूत्र को गरम करके उसमें नाइट्रिक या सल्फ़ोसैलिसिलिक अम्ल मिलाकर ऐलब्युमिन की जाँच की जाती है। बेस जोंस नामक प्रोटीनों की उपस्थिति में ५५रू सें. तक गरम करने पर गँदलापन आने लगता है। किंतु ८०रू सें. तक उसे गरम करने पर गँदलापन जाता रहता है। इस गँदलेपन को मापा जा सकता है और कैलोरीमापक विधि से उसकी मात्रा भी ज्ञात की जा सकती है। निम्नलिखित रोगों में ऐलब्युमिन मूत्र में पाया जाता है:
प्राय: वृक्कार्ति तथा अमिलाइड रोगों में ऐलब्युमिन की मात्रा अधिक होती है, जिससे रक्त में प्रोटीन की कमी हो जाती है। इसके कारण शरीर पर शोथ हो जाता है तथा रक्त की रसाकर्षण-दाब भी कम हो जाती है। ऐलब्युमिनमेह स्वयं कोई रोग नहीं है; वह उपर्युक्त रोगों का केवल एक लक्षण है। (स.पा.ग.)