ऐमिन अमोनिया के यौगिक हैं। अमोनिया के १, २ या ३ हाइड्रोजन परमाणुओं के ऐल्किल या ऐरिल मूलक द्वारा प्रतिस्थापन से क्रमश: प्राथमिक RNH2, द्वितीयक PR� NH या त्रितीयक R R� R��N वर्ग के ऐमिन बनते हैं। इनका नामकरण इनमें उपस्थित मूलकों पर आधारित है, जैसे :
C3H CH3
H N C6H5 N
H H
मेथिल मेथिल फ़ेनिल
ऐमिन ऐमिन
CH3
C6H5 N
CH3
डाइमेथिल फ़ेनिल
ऐमिन
[(CH3)4N+]Cl-
टेट्रामेथिल
ऐमोनियम क्लोराइड
चतु: ऐरिल मूलकवाला यौगिक अज्ञात है। चतु: ऐमिन में R4N- धनायन है, किंतु ऋणायन Cl-HSO4, या OH- हो सकते हैं। मूलकों के आधार पर इनके रासायनिक तथा भौतिक गुण भी भिन्न होते हैं। चतुर्थक के गुण ऐमोनियम यौगिक के समान होते हैं। सौरभिक द्वि-ऐमिन (ऑर्थो, मेटा तथा पैरा फ़ेनिलीन डाइ ऐमिन) के गुण प्राथमिक की भाँति हैं। कुछ ऐमिन, जैसे ब्यूटिल तथा आइसो ब्यूटिल ऐमिन, समावयवता प्रदर्शित करते हैं।
ऐमिन प्रकृति में अधिक नहीं पाए जाते, किंतु कुछ, जैसे मेथिल ऐमिन पौधों, जंतुओं के रक्त, सांद्र नमक के विलयन में रखी हेरिंग मछली, हड्डी के तेल तथा डामर में प्राप्य हैं।
बनाने की सामान्य विधियाँ (१) हॉफ़मैन विधि के अनुसार ऐल्किल हैलाइड को ऐल्कोहलिक अमोनिया के साथ गरम करने से चारों प्रकार के ऐमिन बनते हैं, जो (क) प्रभाजक आसवन तथा एथिल आक्सैलेट (हॉफ़मैन विधि) या (ख) बेंज़ीन सल्फ़ोनिल क्लोराइड (हिंसबर्ग विधि) से पृथक किए जाते हैं। ऐनिलीन से द्वितीयक तथा त्रितीयक ऐमिन बनते हैं। (२) नाइट्रो यौगिक के अवकरण से, (३) ऐल्कोहल या फ़ीनोल को जस्ता क्लोराइड तथा अमोनिया के साथ लगभग ३००रू सें. तक गरम करने से, (४) सायनाइड के अवकरण से, (५) आइसो-सायनाइड के जलविश्लेषण से, (६) नाइट्रोसो यौगिक या आक्सीम के अवकरण से, (७) ऐमाइड के अवकरण से, (८) श्मिट (Schmidt) विविध में कार्बोक्सिलिक अम्ल पर हाइड्रैज़ोइक अम्ल की क्रिया से, (९) ऐमाइड पर ब्रोमीन तथा क्षार की क्रिया से (हॉफ़मैन अभिक्रिया), (१०) सौरभिक ऐज़ो या हाइड्रेज़ो यौगिक के अवकरण से, (११) एस्टर पर कर्टियस अभिक्रिया से, (१२) आइसो सायनेट पर क्षार की क्रिया से तथा (१३) ऐमिनो अम्ल का बेरियम हाइड्राक्साइड के साथ आसवन करने से प्राथमिक ऐमिन बनते हैं। द्वितीयक ऐमिन आइसो सायनाइड के अवकरण से तथा त्रितीयक मिश्रित ऐल्किल ऐरिल ऐमिन के नाइट्रोसो यौगिक पर क्षार की क्रिया से भी बनते हैं। फ़ार्मेल्डीहाइड तथा ऐमोनियम क्लोराइड को १०४रू सें. पर गरम करने से मेथिल ऐमिन तथा १६०रू सें. तक गरम करने से ट्राइमेथिल ऐमिन प्राप्त होते हैं।
सामान्य गुण निम्नवसीय ऐमिन वाष्पशील, ज्वलनशील, मत्स्यगंध सी महँकनेवाली गैस अथवा निम्न क्वथनांकवाले तरल, जल में विलेय तथा तीव्र क्षारीय हैं। ठोस उच्च ऐमिन जल में अविलेय तथा गंधहीन हैं। सौरभिक ऐमिनों में बेंजिल ऐमिन के गुण उच्च वसीय ऐमिन जैसे हैं, किंतु अन्य अल्प क्षारीय हैं तथा ट्राइफ़ेनिल ऐमिन उदासीन है।
ये क्तक्थ् के साथ हाइड्रोक्लोराइड, पिक्रिक अम्ल से पिक्रेट, प्लैटिनम तथा गोल्ड क्लोराइड के साथ क्रमश: द्विलवण क्लोरोप्लैटिनेट तथा ऑरिक्लोराइड, ऐल्किल हैलाइड के साथ चतुर्थक लवण (विशेषकर त्रितीयक) बनाते हैं। चतुर्थक ऐमोनियम लवण सजल Ag2O के साथ चतुर्थक ऐमोनियम हाइड्रोक्साइड देते हैं जो गरम करने पर त्रितीयक ऐमिन में विघटित हो जाते हैं। टेट्राएथिल ऐमोनियम आयोडाइड के ७०रू सें. पर विद्युद्विश्लेषण से स्वतंत्रमूलक (C2H5)4N द्रव अमोनिया में नीले विलयन के रूप में प्राप्त हुआ है। नाइट्रस अम्ल से प्राथमिक ऐमिन ऐल्कोहल बनाते हैं, किंतु मेथिल ऐमिन अधिकांश में मेथिल नाइट्राइट बनाता है तथा क्रिया जटिल है। द्वितीयक ऐमिन नाइट्रोसो यौगिक तथा त्रितीयक केवल नाइट्राइट बनाते हैं। द्वितीयक ऐमिन को HCl के साथ गरम करने पर द्वितीयक ऐमिन हाइड्रोक्लोराइड बनता है तथा H2SO4 और फ़ीनोल के साथ लीबरमैन अभिक्रिया होती है।
सौरभिक प्राकृतिक ऐमिन नाइट्रस अम्ल से डायज़ोनियम लवण बनाते हैं, जो जल, ऐल्कोहल, क्यूप्रस क्लोराइड, क्यूप्रस ब्रोमाइड, क्यूप्रस सायनाइड, पोटैसियम आयोडाइड तथा स्टैनस क्लोराइड की क्रिया से क्रमश: फ़ीनोल, बेजज़ीन, क्लोरोबेनज़ीन, ब्रोमोबेनज़ीन, बेंज़ोनाइट्राइल, आयडो बेनज़ीन तथा फेनिल हाइड्रेज़ीन देते हैं। ये फ़ीनोल तथा नैप्थोल के साथ क्षारीय विलयन में तथा ऐमिन के साथ अम्लीय विलयन में रंग (डाई) बनाते हैं। ट्राइफ़ेनिल ऐमीन पर नाइट्रस अम्ल की क्रिया नहीं होती, किंतु डाइमेथिल ऐनिलीन पैरानाइट्रोसो यौगिक बनाता है जो कास्टिक सोडा के जलीय विलयन से डाइमेथिल ऐमिन तथा फ़ीनोल देता है।
क्लेरोफ़ार्म तथा कास्टिक पोटाश की क्रिया से केवल प्राथमिक ऐमिन आइसो-सायनाइड (कार्बील ऐमिन) देते हैं। वसीय प्राथमिक तथा द्वितीयक ऐमिन ऐल्कोहल में कार्बन डाइ सल्फ़ाइड के साथ ऐल्किल डाइथायोकार्बामिक अम्ल बनाते हैं, जिनमें प्राथमिक यौगिक मर्क्यूरिक क्लोराइड के साथ विघटन से तीव्र गंधमय ऐल्किल आइसोथायोसानेट (मस्टर्ड तेल) बनाता है। त्रितीयक ऐमिन क्रिया नहीं करता है। सौरभिक प्राथमिक ऐमिन सममित डाइएरिल थायोयूरिआ बनाते हैं।
सं.ग्रं.एन.वी. सिज़विक, टी. डब्ल्यू. जे. टेलर ऐंड डब्ल्यू. बेकर : दि ऑर्गैनिक केमिस्ट्री ऑव नाइट्रोजन (१९३७)। (पृ.ना.भा.)