एर्मीट चार्ल्ज (Hermite Charles) (१८२२-१९०१), फ्रांसीसी गणितज्ञ, का जन्म २४ दिसंबर, १८२२ ई. को लौरेन में हुआ था। इन्होंने प्रचलित पाठ्यक्रम की उपेक्षा करके आयलर, लाग्रांज, गाउस और याकोबी आदि गणितज्ञों की रचनाओं का अध्ययन किया। ये एकोला-पॉलिटेकनिक में (१८६८-१८७६ ई.) और फिर सौरबोन में (१८७६-१८९७ ई.) गणित के प्रोफेसर रहे। संख्याओं के सिद्धांत, अपरिणम्य एवं अनुपरिणम्य, सीमित अनुकूल, समीकरणों के सिद्धांत, दीर्घवृत्तीय फलनों और फलनों के सिद्धांत पर इन्होंने शोधें कीं। एर्मीट ने द्वितीय प्रकार के भ्रमिक आवर्त फलनों का भी आविष्कार किया और याकोबी की q- चलराशि के स्थान पर समीकरण q=e ipw से संबंधित एक नवीन चलराशि w की स्थानापत्ति करके ढ (w), ढ (w) और (w) फलनों का अध्ययन किया। १४ जनवरी, १९०१ ई.को इनका देहांत हो गया। (रा.कु.)