एड्रियानोपुल्स यह तुर्की का एक अति प्राचीन नगर है। इसका पहला नाम उस्कादम अथवा उस्कोदम था। रोमन सम्राट् एड्रियन ने दूसरी शताब्दी में इसको बढ़ाया और इसका पुनर्नामकरण एड्रियानोपुल्स किया। इसका तुर्की नाम एदीर्न और बुल्गारी नाम ओदीर्न है। प्रथम मुराद द्वारा सन् १३६१ ई. में अधिकृत होने के बाद से लेकर सन् १४५३ ई. तक यह तुर्की के सुल्तानों का आवासस्थान रहा। यह इस्तंबूल से १४० मील पश्चिमोत्तर-पश्चित दिशा में तुजा और मारीत्सा नदियों के संगम पर बसा है। सन् १६१३ ई. में इसे सर्ब और बुलगर लोगों ने १५५ दिनों के घेरे के बाद कब्जे में कर लिया था। बाद में तुर्को ने इसे लौटा लिया। सन् १९२३ ई. की लोजैन की संधि के अनुसार अंत में यह तुर्को को मिल गया। तब से यह बराबर तुर्को के अधीन रहा।

प्राचीन नगर की अब कुछ रोमन दीवारें ही बच गई हैं। यहाँ पहले ३१४ मस्जिदें थीं, परंतु आधुनिक युद्धों के परिणामस्वरूप अब उनमें से केवल आधी ही शेष बची हैं। अर्धनष्ट एस्की सराय सुल्तानों का प्राचीन महल था। सन् १४८८ ई. में निर्मित बयजीत वेली पूर्व की अद्वितीय मस्जिद मानी जाती हैं।

यहाँ के मुख्य उद्योग सूती और रेशमी वस्त्र, दरी, चमड़े के सामान, शराब, गुलाबजल, गुलाब के इत्र आदि हैं। सन् १६४५ ई. में इसकी जनसंख्या ६८,१५५ थी।

(श्या.सुं.श.)