ऊर्मिया उत्तरी-पश्चिमी ईरान में ३७�-१०� और ३८� -२०�उ.अ. और ४५�-१०�तथा ४६�-०� पू.दे. के बीच स्थित एक झील है। इसका नाम इसके पश्चिमी किनारे पर स्थित ऊर्मिया नगर पर पड़ा है परंतु इसको 'दे-राचेह-ई-शाही' और 'शाही-कोल' भी कहते हैं। झील की औसत गहराई १५ से १६ फुट है तथा इसकी अधिकतम गहराई ५० फुट से अधिक नहीं है।
आधुनिक समयों में इसके जलपृष्ठ में बहुत परिवर्तन हुआ है। यह या तो धरातल की अस्थिरता के कारण अथवा इन क्षेत्रों में वाष्पीकरण की तुलना में वर्षा की मात्रा बढ़ जाने के कारण हुआ है। डी. मॉर्गन के अनुसार इस झील का क्षेत्रफल निम्न जलस्तर तथा उच्च जलस्तर पर क्रमानुसार ४,००० और ६,००० वर्ग किलोमीटर रहा है।
दक्षिण में लगभग ५० चट्टानी द्वीपों का समूह है, जिनमें कोयूनउग्घी सबसे बड़ा है। इसमें एक मीठे पानी का झरना है, जिसके पास कुछ लोग भेड़ बकरी पालने का व्यवसाय करते हैं। बाकी सभी द्वीप बसे नहीं हैं। इसके पूर्वी किनारे पर स्थित शरफ-खानेह बंदरगाह से इसके दूसरे भागों के लिए साप्ताहकि मोटर बोट के द्वारा यातायात की व्यवस्था है। यह खारे पानी की झील है।
ऊर्मिया ३७� -३४� उ.अ. और ४५� -४� पू. दे.पर स्थित ईरान के अजरबैजान प्रांत के एक नगर का भी नाम था, जिसका वर्तमान नाम रेजाह है। इसमें प्रमुख रूप से तुर्क हैं तथा आरमीनियन और असीरियन अल्पसंख्यक हैं। ऊर्मिया का मैदान उपजाऊ है तथा सिंचाई की मदद से फल और तंबाकू की कृषि उच्च स्तर पर पहुँच चुकी है। अधिक मात्रा में किशमिश, खजूर और तंबाकू का निर्यात रूस को किया जाता है। (सु.कु.सिं.)