उशिज ऋग्वेद के ऋषि कक्षीवान् की शूद्रा माता। इसकी पुत्रप्राप्ति की कथा कुछ पुराणों और महाभारत में कही गई है जिसके अनुसार यह कलिंग की रानी की क्वाँरी दासी थी। पुत्रपाप्ति के लिए राजा द्वारा रानी को दीर्घतमा ऋषि को आत्मसमर्पण करने के निर्देश पर रानी ने उशिज को अपने स्थान पर कर दिया था। इस प्रकार जो पुत्र हुआ वह कक्षीवान् कहलाया। कक्षीवान् का इसी से वेदों में मात्नाम कक्षीवान् औशिज चला। (ओं.ना.उ.)