उर्स मुसलमानों के मतानुसार किसी फकीर, महात्मा, पीर आदि के मरने के दिन का कृत्य या उत्सव। इस दिन संबंधित फकीर या पीर की दरगाह की सफाई करके उसे सजाया जाता है और मुसलमान लोग नमाज पढ़ने के बाद उसपर चिराग जलाते या चादरें चढ़ाते हैं। तत्पश्चात् वहाँ संगीत का कार्यक्रम रखा जाता है। भारत में अजमेर और पिरानकलियर के उर्स बहुत प्रसिद्ध हैं जहाँ देश भर के कव्वाल तथा गायक-गायिकाएँ आती हैं और अपने संगीत से उपस्थित जनसमुदाय का मनोरंजन करती हैं। (कै.चं.श.)