उरगपुर चोड साम्राज्य की तनी राजधानियों में से पहली उरगपुर थी। एक समय उरगपुर पल्लवों के अधिकार में था और जब उनकी चालुक्यों से शत्रुता चल रही थी तब, जैसा चालुक्य अभिलेख (एपिग्रैफ़िया इंडिका, खंड १०, पृ. १००-१०६) से प्रकट है, चालुक्यराज विक्रमादित्य प्रथम ने कांची पर तो अधिकार कर ही लिया, महामल्ल के कुल का नाश करता हुआ वह उरगपुर तक जा पहुँचा था। कालिदास ने उरगपुर को पांड्यों की राजधानी कहा है (रघु. ६.५९)। करिकालचोड ने पांड्यों का आधिपत्य हटाकर उरगपुर को वीरान कर दिया। उसी नगर के निकट से चालों की शक्ति का उत्कर्ष ८५० ई. से पहले विजयालय ने किया था। उरगपुर का वर्तमान प्रतिनिध त्रिचनापल्ली के पास उरय्युर है। (ओं.ना.उ.)