उदंत मार्तड हिंदी का प्रथम पत्र। मई, १८२६ ई. में कलकत्ता से एक साप्ताहिक के रूप में इसका प्रकाशन शुरू हुआ। इसके संपादक कानुपर निवासी श्री जुगुलकिशोर शुक्ल थे। इसके कुल ७९ अंक ही प्रकाशित हो पाए थे कि दिसंबर, १८२७ ई में बंद हो गया। यह पत्र पुस्तकाकार (१२�����) होता था और हर मंगलवार को निकलता था।

उस समय अंग्रेजी, फारसी और बँगला में तो अनेक पत्र निकल रहे थे किंतु हिंदी में एक भी पत्र नहीं निकलता था। इसलिए 'उदंत मार्तड' का प्रकाशन शुरू किया गया। इस पत्र में ब्रज और खड़ीबोली दोनों के मिश्रित रूप का प्रयोग किया जाता था जिसे इस पत्र के संचालक ''मध्यदेशीय भाषा'' कहते थे। (कै.चं.श.)