उग्रसेन १. उग्रसेन (महापह्म) नंद वंश का प्रथम सम्राट् था जिसे पुराणों में 'सर्वक्षत्रांतक' तथा 'एकराट्' कहा गया है। 'महाबोधि वंश' में उसकी उग्रसेन मिलती है। उसने इक्ष्वाकुओं, पांचालों, काशी जनपदवासियों, कालिंगों, अश्मकों, कुरुओं, चेदियों, शूरसेनों तथा वीतिहोत्रा जनों को परास्त कर एक बड़ा साम्राज्य स्थापित किया था। उसकी विशाल सेना के विषय में सुनकर सिकंदर को मगध पर आक्रमण करने का साहस नहीं हुआ।

२. उग्रसेन (पालाक्क) का नाम समुद्रगुप्त के दक्षिण अभियान के संबंध में अन्य नरेशों के साथ परिगणित है। उसे समुद्रगुप्त ने परास्त किया था।

३. उग्रसेन (पारीक्षित) के नाम का उल्लेख वैदिक अनुक्रमणी में परीक्षित के चार पुत्रों की श्रेणी में जनमेजय, भीमसेन और श्रुतसेन के साथ मिलता है (वैदिक इंडेक्स, प्रथम भाग, पृ. ५२०)। (चं.म.)

४. उग्रसेन मथुरा का यदुवंशी राजा था। इसके पिता का नाम आहुक और माता का नाम काश्या था। इसके नौ पुत्रों तथा पाँच पुत्रियों में कुख्यात अत्याचारी शासक कंस ज्येष्ठ था। शेष पुत्रों के नाम क्रमश: सुनामा, न्यग्रोध, कंक, शंकु, राष्ट्रपाल, सृष्टि तथा तुष्टिमान थे। पुत्रियों के नाम कंस, कंसावती, कंका, शूरभू तथा राष्ट्रपालिका थे। बड़े होने पर कंस ने उग्रसेन को कारागृह में डालकर मथुरा के शासन पर अधिकार कर लिया था। बाद में कृष्ण ने कंस का वध किया और उग्रसेन को बंदीगृह से मुक्त कर पुन: राजसिंहासन पर बिठाया। (कै.चं.श.)