उग्रतप एक प्राचीन ऋषि। इन्होंने कृष्ण के उस शृंगारमय रूप की आराधना की थी जिसमें कृष्ण गोपियों के साथ विहार में रत रहते हैं। फलत: कृष्णावतार के समय गोकुलवासी सुनंद गोप की कन्या रूप में इनका जन्म हुआ और गोपिकारूप में इन्होंने कृष्ण की अनन्यभाव से उत्कृष्ट सेवा की। (कै.चं.श.)