ईरी झील, उत्तरी अमरीका की बड़ी झीलों में सबसे दक्षिणावली है, जो अ. ४१� ३०� उ. एवं ४२� ५२� उ. तथा ७८� ५३� प. एवं ८२� २५� प. के बीच ह्यूरन तथा ओंटेरियो झीलों के मध्य स्थित है। इसके उत्तरी किनारे पर कनाड़ा की सीमा, दक्षिण-पूर्व में न्यूयार्क, पेनसिलवेनिया तथा ओहायो, पश्चिम में मिचिगन तथा ओहायो राज्यों की सीमा पड़ती है। इसकी अधिकतम लंबाई उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम तक २४५ मील, औसत चौड़ाई ५० मील (२८ से ५८ मील तक) तथा क्षेत्रफल ९,६०० वर्ग मील है। यह झील समुद्र की सतह से ५७३ फुट की उँचाई पर तथा ह्यूरन झील की सतह से ८ फुट नीचे है। इसके जल की अधिकतम गहराई २१० फुट, औसत गहराई १०० फुट है। इसमें डिट्रॉयट नदी मिलती है तथा ओंटेरियो झील को छोड़कर अन्य सभी बड़ी झीलों का जल इसमें आता है। इसके सिवाय उत्तर से ग्रैंड नदी, पश्चिम से मॉमी, संडस्की एवं ह्यूरन तथा दक्षिण से कुयाहोगा नदियाँ मिलती हैं। ईरी के जल का निकास नायागरा नदी के द्वारा होता है जो ओंटेरियो झील में गिरती है। ईरो झील बड़ी झीलों में से सबसे छिछली और यातायात के लिए भयावह है क्योंकि नायागरा जलप्रपात दिन प्रति पीछे की ओर हटता जा रहा है।
इस झील का व्यापारिक महत्व नहरों के निकल जाने से बहुत बढ़ गया है, जो पूर्व से पश्चिम जाने का मुख्य साधन हैं। नायागरा जलप्रपात के पास अटलांटिक सागर से सीधे आने में जलप्रपात के कारण जो असुविधा थी उसको वेलंड नहर दूर कर देती है। ईरी के तट पर सुंदर बंदरगाहों में बफैलो, ईरी, क्लीवलैंड, संडस्की तथा टोलेडो प्रमुख हैं, परंतु बड़े जहाजों के लिए उपयुक्त नहीं है। (श्या.सुं.श.)