ईदर महाराष्ट्र राज्य के माहेकांथ एजेंसी में स्थित एक राजपूत रियासत थी। (स्थिति : अ. २३� ६� से २४� २९� तक उ. और दे. ७२� ४५� से ७३� ३९� तक पू.)। इसका क्षेत्रफल १६६९ वर्गमील था। इसकी सीमा उत्तर में सिरोही तथा उदयपुर, पूर्व में डूँगरपुर, दक्षिण तथा पश्चिम में बंबई तथा बड़ौदा राज्य थी। इस राज्य के दक्षिण पश्चिम भाग में बालुकानिर्मित समतल क्षेत्र है, परंतु अन्य भाग ऊँचे नीचे तथा पहाड़ियों एवं जंगलों से भरे हैं। प्रदेश की जलवायु गरम है। राज्य में साबरमती, हथमती, मेशवा, पाजन, वात्रक आदि नदियाँ बहती हैं। राज्य का इतिहास आठवीं शताब्दी से उपलब्ध है। यहाँ बसनेवालों में अधिकांश कोली हैं। पहाड़ी क्षेत्रों को छोड़कर राज्य की भूमि साधारणत: उपजाऊ है। लगभग १७ प्रतिशत भूमि कृषि के काम में लगी है। सन् १८९९ तथा १९०० में घोर अकाल के समय राज्य को बहुत क्षति उठानी पड़ी थी। यह देशी रियासत अब महाराष्ट्र राज्य में मिला दी गई है।
ईदर (अथवा भारत राष्ट्रीय ऐटलस के अनुसार इदार) नगर भारत के आधुनिक महाराष्ट्र राज्य के साबरकंथा जिले में अहमदाबाद नगर से ६४ मील उत्तर पूर्व में स्थित है। (स्थिति : अ. २३� ५०� उ. तथा दे.७३� ४� पू.)। यह नगर इलदुर्ग के नाम से भी प्रख्यात है। पहले यह नगर ईदर रियासत की राजधानी था। नगर चारों ओर से ईटों की दीवार से घिरा है जिसमें भीतर जाने के लिए पत्थर का एक द्वार बना हुआ है। आसपास चट्टानों में निर्मित गुफा मंदिर हैं जो कम से कम ४०० वर्ष पुराने आँके गए हैं। नगर में राजमहल के अतिरिक्त अन्य कई सुंदर भवन हैं। (श्या.सुं.श.)