इस्लामाबाद २. पाकिस्तान का नवनिर्मित सुनियोजित नगर तथा केंद्रीय (संघीय) राजधानी है। १९४७ ई. में पाकिस्तान बनने के बाद राष्ट्रीय राजधानी के रूप में लाहौर, कराची या अन्य कोई नगर राष्ट्रीय सुरक्षा, राजकार्य की सुविधा, सुगमता एवं अन्य विभिन्न कारणों से उपुयक्त नहीं था। कराची को तत्कालीन राजधानी के रूप में उपयोग किया गया, किंतु इससे उक्त नगर के आर्थिक व्यापारिक कार्य में बाधा पड़ी और उसकी आबादी में कई गुना वृद्धि हो गई। १९५९ ई. में तत्कालीन राष्ट्रपति अयूब खाँ ने उत्तर पश्चिमी पंजाब में पोतवार पठार पर स्थित रावलपिंडी नगर के समीप राजधानी के रूप में आधुनिक स्थापत्यकला के आधार पर एक सर्वथा नए सुनियोजित नगर की योजना पारित की। इसका नाम इस्लामाबाद रखा गया। विश्वविश्रुत वास्तुविद् यूनान निवासी श्री कांस्टैंटिनोज़ ए. डाक्टिजयाडिज एवं उनके सहयोगी इस नगर के नियोजक हैं। नगर की निर्माण योजना १९७५ ई. तक पूरी हो जाएगी।

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मानचित्र

इस्लामाबाद

पोतवार पठार पर मरी पहाड़ियों की दक्षिणी गोद में स्थित यह नगर अंतर्राष्ट्रीय सीमा से दूर सुरक्षित है और रावलपिंडी से अधिक ऊँचाई पर होने के कारण अधिक स्वास्थ्यप्रद भी है। ग्रीष्म सुखद होती है और जाड़े में उत्तरी एवं पश्चिमी ठंडी हवाओं से सुरक्षा रहती है। प्राचीन भारतीय शैक्षणिक नगर तक्षशिला (खंडहर) से ४८ कि.मी. पूर्व और रावलपिंडी से ५ कि.मी. उत्तर, ग्रैंड ट्रंक तथा उत्तरी पहाड़ियों और कश्मीर की ओर जानेवाले राजमार्गों के संगम से ४ कि.मी. से अधिक दूर होने के बावजूद इस नगर को समुचित संपर्क तो प्राप्य है ही, इसके अलावा यहाँ अनावश्यक भीड़भाड़ से सुरक्षा भी है। नगर के समुचित विस्तार के लिए अत्यंत कम उपजाऊ या अनुर्वर भूमि का पर्याप्त फैलाव है और जल एवं विद्युत् आपूर्ति के लिए कुरंग नदी को बाँधकर (जून, १९६०) विस्तृत और सुरम्य रावल झील का निर्माण किया गया है, साथ ही भूदृश्य को सुंदर बनाने के लिए अन्य छोटी झीलें बनाने और समीपवर्ती पर्वतीय क्षेत्रों को राष्ट्रीय पार्क के रूप में विकसित करने की योजना है।

सन् १९६७ तक नगर की जनसंख्या (अनुमित) ७०,००० हो गई थी और अब १,००,००० से अधिक है। १ जुलाई, १९७० से महानगरीय क्षेत्र को, जिसमें इस्लामाबाद के अतिरिक्त रावलपिंडी (१९६१ में जनसंख्या ३,४०,१७५), छावनी (कैंट) तथा राष्ट्रीय पार्क सम्मिलित हैं, केंद्रशासित क्षेत्र घोषित किया गया है। दो पीढ़ियों के अंतर्गत पूरे क्षेत्र में २५ लाख जनसंख्या हो जाने का आकलन है। रावलपिंडी संबद्ध प्रदेश के लिए आर्थिक-व्यापारिक-औद्योगिक-प्रशासनिक-फौजी एवं सेवाकेंद्र के रूप में कार्यशील रहेगा जिससे इस्लामाबाद को विशुद्ध केंद्रीय राजधानी के रूप में विकास करने का अवसर मिलेगा। १९५९-६० में कराची से धीरे-धीरे विभिन्न केंद्रीय कार्यालय एवं दूतावास रावलपिंडी में स्थानांतरित हुए और भवननिर्माण के साथ इस्लामाबाद चले आ रहे हैं।

नगर की योजना में विभिन्न सेक्टरों को विशिष्ट प्रकार के भूमि उपयोग तथा कार्यसंपादन हेतु नियोजित किया गया है। डाक्जियाडिज के अनुसार ''इस नगर में जहाँ एक ओर भारत पाकिस्तान की सनातन जन-जीवन-गति एवं क्रम के अनुसार जीवनयापन का आयोजन हुआ है, वहीं दूसरी ओर मुख्य सड़कों का जो जाल बिछा है, उसपर अत्यंत तीव्रगति से परिवहन संभव है।'' नगर को रावलपिंडी की ही तरह दक्षिण पश्चिम की ओर विस्तार की सुविधा है। (का.ना.सिं.)