इस्माइल आदिलशाह (शासनकाल १५१०-१५३४ ई.) बीजापुर का शासक। यह आदिलशाही वंश के शासन की नींव डालनेवाले यूसुफ आदिलशाह का पुत्र था और १५१० ई. में अपने पिता की मृत्यु के बाद सिंहासनारूढ़ होने के समय इसकी अवस्था केवल नौ वर्ष की थी। अत: यूसुफ आदिलशाह मरते समय अपने कमाल खाँ नामक एक अनुभवी पदाधिकारी को इस्माइल का संरक्षक नियुक्त कर गया था। कमाल खाँ राजकाल चलाने लगा। लेकिन कुछ ही समय पश्चात् उसकी नीयत बिगड़ गई और अमीर बरीद से मिलकर वह राजगद्दी हड़पने का षड्यंत्र रचने लगा। यह देख, इस्माइल की माता ने एक दास के हाथों कमाल खाँ को मरवा डाला। अब इस्माइल ने शासन की बागडोर सँभाल ली। परंतु वह चारों ओर से ऐसे शक्तिशाली शत्रुओं से घिरा था जो उसका राज्य हड़पना चाहते थे। उसने विजयनगर के शासक से युद्ध किया और उससे रायचूर दोआब छीन लिया। परंतु विजयनगर के शक्तिशाली राजा कृष्णदेव राय (१५०९-१५२९ ई.) ने पुन: चढ़ाई करके रायचूर दोआब पर कब्जा कर लिया (१५२० ई.)। कृष्णदेव राय की मृत्यु (१५२९ ई.) हो जाने पर इस्माइल आदिलशाह ने दोबारा रायचूर दोआब पर आधिपत्य जमा लिया। अहमदनगर के शासकों से भी उसके कई युद्ध हुए और उसने सभी युद्धों में विजय प्राप्त की। २५ वर्ष तक शासन करने के उपरांत २७ अगस्त, १५३४ ई. को इस्माइल आदिलशाह की मृत्यु हो गई। (कैं.चं.श.)