इस्फंदयार फारस का पुराकालीन एक बहुत बहादुर राजकुमार। अपनी योग्यता और कौशल के कारण फारस के प्रख्यात योद्धा रुस्तम की तरह उसने भी युद्धों में लगातार सात बार विजय पाई। आजासप नामक राक्षस ने अपनी दो बहनों को बंदी बना रखा था। इस्फंदायर ने यह सुना तो व्यापारी के वेश में चतुराई से उस राक्षस के राज्य में प्रविष्ट हुआ और अपने सब शत्रुओं को नशे में चूर कर दिया। पश्चात् अपने साथियों की सहायता से उसने उक्त राक्षस की बहनों को मुक्त किया। लेकिन एक दिन इस्फंदयार के पिता ने, जो उसकी बहादुरी, हिम्मत और कौशल से जलने लगा था, उसे आदेश दिया कि वह रुस्तम को बाँधकर दरबार में हाजिर करे। पहले दिन के युद्ध में इस्फंदयार ने रुस्तम को बुरी तरह घायल कर दिया। लेकिन दूसरे दिन रुस्तम के हाथों पराजित हुआ और मारा गया। मरते-मरते अपने पुत्र को उसने रुस्तम को सौंप दिया। इसके बाद रुस्तम आजीवन इस्फंदयार के पुत्र की भलाई करता रहा। (कैं.चं.श.)