इसीअस् (ई.पू. ४२० से ई. पू. ३५०), प्राचीन यूनानी वाग्मी और वकील। इसके जीवन के संबंध में निश्चयपूर्वक कुछ भी नहीं कहा जा सकता। जन्मस्थान तक के विषय में भी अभी दुविधा बनी है। कुछ विद्वान् कहते हैं, इसका जन्म एथेंस में हुआ था एवं अन्य लोगों की सम्मति में यह खल्किदिके प्रदेश में उत्पन्न हुआ था, केवल शिक्षा प्राप्त करने के लिए एथेंस आया था और तत्पश्चात् वहीं बस गया था। एथेंस में इसने इसोक्रेतिज़ से शिक्षा पाई। किंतु परदेसी होने के कारण उसने एथेंस के राजनीतिक जीवन में भाग नहीं लिया।
अपनी जीविका के लिए इसने अन्य व्यक्तियों के सहायतार्थ कानूनी अथवा न्यायाधिकरण सम्बंधी वक्तृताएँ लिख देने का व्यवसाय चुना। कहते हैं, इसीअस् ने सब मिलाकर ५० भाषण लिखे थे, जिनमें से इस समय १० पूर्णरूपेण और दो आंशिक रूप में उपलब्ध हैं। अन्य लोगों के मतानुसार ११ भाषण पूरे और केवल एक अधूरा मिलता है। इन सब भाषणों का सम्बंध उत्तराधिकार सम्बंधी अभियोगों से हैं जिस विषय में इसीअस् विशेष योग्यता रखता था। परिणामत: ये भाषण ई.पू. चौथी शताब्दी के पूर्वार्ध के एथेंस के उत्तराधिकार के कानूनों के स्वरूप को समझने में बहुत अधिक सहायक होते हैं।
इसके अतिरिक्त इसीअस् के भाषणों की एक विशेषता यह थी कि वह जटिल से जटिल समस्या को भी अत्यंत स्पष्ट रूप में व्यक्त कर सकता था। उसकी भाषा सरल होती थी पर कहीं कहीं वह कवित्व से अनुरंजित शब्दों का भी प्रयोग करता था; एवं यदाकदा बोलचाल के साधारण प्रयोगों को भी स्वीकार कर लेता था; इस कारण वह मनोवांछित प्रभाव उत्पन्न करने में प्राय: सफल हुआ करता था। अपने अर्भीष्ट की सिद्धि के लिए इसीअस् भावनाओं को प्रेरित नहीं करता था। प्रत्युत सबल युक्तियों से काम लेता था। न तो वह अपने भाषणों में अपने वादार्थियों के चरित्र का आभास प्रस्तुत करता था और न अपने राजनीतिक विचारों को ही अभिव्यक्त करता था। उसका मुख्य लक्ष्य बौद्धिक प्रभाव उत्पन्न करने की ओर था और यह प्रभाव उसकी अवशिष्ट रचनाओं में आज भी विद्यमान है। प्राचीन काल के सर्वश्रेष्ठ वक्ता दिमॉस्थिनीस् ने आरंभ में इसीअस् से ही वक्तृत्व कला की शिक्षा वहण की थी।
सं.ग्रं-आर.सी.जैब् : ऐंटिक आरेटर्स फ्रॉम अंतिफ़ॉन टू इसीअस्, १८९३। (भो.ना.श.)