ईशिई, किंकुजिरो, वाइकाउंट (१८६६) जापानी राजनयज्ञ, जिसका जन्म चिबा में हुआ। तोकियो विश्वविद्यालय से अंतरराष्ट्रीय कानून का अध्ययन कर वह पेरिस स्थित जापानी दूतावास में नियुक्त हुआ। वहाँ उसने अंग्रेजी और फ्रेंच सीख जापानी फ्रांसीसी व्यावसायिक संबंध दृढ़ किया। धीरे-धीरे वह देश के उच्च से उच्चतर पदों पर चढ़ता गया तथा यूरोप और अमरीका में वह जापान का राजूदत रहा। जापान का हित अनेक रूपों में इशिई ने साधा।

वाइकाउंट किकुजिरो का सबसे महान् कार्य, जिसके लिए देश उसका ऋणी है, १९१७ ई. के बीच 'भद्रजनीय एकरारनामा' था। इसका दूसरा नाम 'लैंसिंग इशिई पैक्ट' है, जिसमें उसका सक्रिय सहयोग घोषित है। जापानियों के निरंतर अभिसंक्रमण से जो कैलिफोर्निया के नगर एशियाई बाशिंदों से भरे जा रहे थे उससे अमरीका कर रक्षा करना इस संबंध का मंतव्य था। इशिई था। इशिई राष्ट्रसंघ (लीग ऑव नेशंस) का जापानी प्रतिनिधि भी हुआ, फिर एक बार उसकी असेंबली का और दो दो बार उसकी परिषद् (कौंसिल) का वह अध्यक्ष हुआ।

(ओं.ना.उ.)