इशरवुड, क्रिस्टोफर विलिंयम ब्रैडशा अंग्रेजी के प्रसिद्ध उपन्यासकार। डिस्ले (चेशायर) में १९०४ ई. में जन्म। रेप्टन तथा कॉरपस क्रिस्टी, कैंब्रिज में आरंभिक शिक्षा। किंग्स कालेज, लंदन में चिकित्सा शास्त्र का अध्ययन किया। यहीं (१९२८-२९) 'आल द कांसपिरेटर्स' तथा 'द मेमोरियल' नामक उपन्यास लिखे। उनकी सर्वाधिक प्रख्यान रचनाएँ 'मि. नॉरिस चेंजेज़ ट्रेंस' (१९३५) तथा 'गुडबाई टु बर्लिन' (१९३९) हैं जिन्हें उन्होंने हिटलर के उदय से पूर्व बर्लिन में अंग्रेजी अध्यापक की हैसियत से काम करते समय हुए कटु अनुभवों के आधार पर लिखा। अपने सहपाठी ऑडेन के सहयोग से उन्होंने तीन गद्य-पद्य-मिश्रित नाटक भी लिखे जिनमें आदर्शवादियों के नुस्खों का पर्दाफाश ही नहीं, करारे राज-नीतिक व्यंग भी हैं। ऑडेन के साथ १९३८ ई. में उन्होंने चीन की यात्रा की और 'जर्नी टु ए वार' (१९३९) नामक पुस्तक लिखी। १९४० में वे स्क्रिप्ट लेखक के रूप में कैलिफोर्निया गए और १९४६ में अमरीकी नागरिकता स्वीकार कर ली। उन्होंने स्वामी प्रभावानंद के सहयोग से भगवद्गीता का अंग्रेजी अनुवाद प्रस्तुत किया (१९४४)। बाद में उन्होंने 'प्रेटर वायलेट' तथा 'द वर्ल्ड इन दि ईवनिंग' नामक उपन्यासों की रचना की। 'लाएन्स ऐंड शैडोज़' नाम से प्रकाशित उनकी आत्मकथा भी काफी प्रसिद्ध है। (कै.चं.श.)