गांधी, इंदिरा भारत गणराज्य के प्रथम प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की पुत्री तथा पंडित मोतीलाल नेहरू की पौत्री इंदिरा जी भारत की तृतीय प्रधान मंत्री हैं। इनका जन्म सन् १९१७ ईसवी में हुआ और शिक्षा शांतिनिकेतन, कैंब्रिज तथा स्विट्ज़रलैंड में हुई। अल्पवय से ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में भाग लेना आरंभ कर दिया था, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के संपर्क में आईं तथा स्वातंत््रय आंदोन में जेल भी गईं। यद्यपि सन् १९६४ के पूर्व देश के शासनतंत्र में इन्होंने कोई पद ग्रहण नहीं किया तो भी कांग्रेस अध्यक्षा (१९५७ ई.) के रूप में भारतीय जनता के जीवन से तादात्म्य स्थापित करने का इन्हें पर्याप्त अवसर प्राप्त हुआ था। पिता के साथ कई बार विदेश यात्राएँ कर चुकने के कारण यह प्रमुख विदेशी राजनयिकों के संपर्क में भी आ चुकी थीं। पंडित नेहरू की मृत्यु के बाद सर्वप्रथम यह सूचना और प्रसारण मंत्री (१९६२ ई.) के रूप में श्रीलालबहादुर शास्त्री के केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हुईं और उनके निधन पर जनवरी, १९६६ ई. से प्रधान मंत्री पद पर आसीन हैं। यह विश्व के सबसे बड़े गणराज्य को प्रथम महिला प्रधानमंत्री हैं। अपने शासन काल में समूचे देश का दौरा करने के साथ ही आपने फ्रांस, अमरीका, इंग्लैंड, रूस तथा अन्य देशों का का भी दौरा किया और सर्वत्र अपने उद्देश्यों में सफलता प्राप्त की।

इन्हें भी देश की विभिन्न बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ और निरंतर करना पड़ा रहा है। खाद्यान्न की समस्या, नागालैंड तथा चंडीगढ़ की समस्या आदि का समाधान इन्होंने सफलतापूर्वक किया। इनके समय में पंजाब और हरियाणा की दो अलग सरकारें बनीं और असम राज्य के अंतर्गत मेघालय राज्य की स्थापना हुई।

समाजवादी शासन की दिशा में निरंतर अग्रसर है जिसका प्रथम चरण है भारतीय बैंकों का राष्ट्रीयकरण। इनके कार्यकाल में एक कटु प्रसंग भी उपस्थित हुआ-महान संस्था कांग्रेस में दो दल हो गए। राष्ट्रपति के चुनाव में मतदान की स्वतंत्रता के प्रश्न को लेकर कांग्रेस दो भागों में विभक्त हो गई और इंदिरा जी की नीतियों की समर्थक कांग्रेस को, जिसे वे वास्तविक कांग्रेस मानती हैं, सत्ताधारी कांग्रेस तथा दूसरे को संगठन कांग्रेस नाम दिया।

इंदिरा जी शांतिनिकेतन की कुलपति, काशी नागरीप्रचारिणी सभी की संरक्षक तथा केंद्रीय संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्षा भी हैं। इनके प्रयत्नों से देश में नई समाजवादी जाग्रति और कांग्रेस में नवचेतना का संचार हुआ है। (तारकेश्वर पांडेय.)