हेमचंद दासगुप्त भूविज्ञानी थे। इनका जन्म सन् १८७८ में दीनाजपुर जिले में हुआ था। जिला स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करके के उपरांत १८९५ में आपने कलकत्ता प्रेसीडेंसी कालेज में प्रवेश किया। यहाँ सन् १९०० में आपने एम. ए. (आनर्स) की डिगरी प्राप्त की। तीन वर्ष पश्चात् आपकी नियुक्ति इसी विद्यालय में डिमोंस्ट्रेटर के पद पर हुई। धीरे धीरे उन्नति करते हुए आप इसी विद्यालय में भूविज्ञान के प्रोफेसर हो गए।
बहुत सी संस्थाओं से आपका निकट संबंध था। भारतीय विज्ञान कांग्रेस के विकास में आपने महत्वपूर्ण योग दिया। आप उसकी कार्यकारिणी के सदस्य थे तथा सन् १९२८ ई. में उसके भूविज्ञान विभाग के अध्यक्ष चुने गए। 'जियालौजिकल माइनिंग ऐंड मेटालरजिकल सोसाइटी ऑव इंडिया' के आप संस्थापकों में से थे तथा आपने उसके सेक्रेटरी के रूप में भी कार्य किया। कलकत्ता विश्वविद्यालय की विभिन्न संस्थाओं के भी आप सदस्य थे। इनके अतिरिक्त आप 'बंगीय साहित्य परिषद्', 'एशियाटिक सोसाइटी आफ बंगाल' तथा 'इंडियन एसोसिएशन फार कल्टिवेशन ऑव साइंस' के भी प्रमुख कार्यकर्ताओं में से थे। जमशेदपुर में ताता स्टील कंपनी स्थापित करने में आपका प्रमुख हाथ था। आप ही की सम्मति से यह कंपनी जमशेदपुर में स्थापित हुई। आपका जीवन बहुत सादा था। आपका देहावसान १ जनवरी, सन् १९३३ को हुआ। (महाराज नारायण मेहरोत्रा)