हेनरी अष्टम (१४९१-१५४७) हेनरी सप्तम और एलिजबेथ ऑव यॉर्क का द्वितीय पुत्र हेनरी अष्टम इंग्लैंड का राजा था। अपने ज्येष्ठ भ्राता ऑर्थर की मृत्य हो जाने के कारण वह १५०९ ई. में गद्दी पर बैठा। उसने अपने भाई की विधवा स्त्री कैथरीन से विवाह किया। पावन संघ (Holy league) का सदस्य होने के कारण १५१२ ई. में फ्रांस पर आक्रमण किया। १५ वर्षों तक, कार्डिनल वूल्जे उसका प्रमुख मंत्री रहा जिसकी वैदेशिक नीति संतुलन पर आधारित होकर इंग्लैंड के सम्मान को महाद्वीप में बढ़ाने में सहायक हुई। प्रारंभ में उसने सुधार आंदोलन के प्रश्न पर पोप का समर्थन किया और पोप से 'धर्म के संरक्षक' की उपाधि प्राप्त की। बाद में कैथरीन के परित्याग के प्रश्न पर पोप की अस्वीकृति देख हेनरी ने रोम से संबंधविच्छेद कर लिया। पोप के विरुद्ध उठाए गए प्रमुख कदमों में ऐक्ट ऑव अपील्स १५३३, ऐक्ट ऑव सुप्रीमेसी १५३४, मठों तथा गिरजाघरों का दमन १५३६, छह धाराओं का विधान, १५३९ इत्यादि हैं। रोमन चर्च के कुछ सिद्धांतों को यथावत् रखा गया। १५२९ ई. में वूल्जे के पतन के उपरांत टॉमस कैनूभर तथा टॉमस क्रॉमवेल राज्य के प्रमुख सलाहकार हुए। हेनरी ने एक मातहत संसद् की सहायता से अपने को निरंकुश बना लिया तथा अवैधानिक साधनों द्वारा धन इकट्ठा किया। १५४२ ई. में सॉल्वे मॉस (Solway Moss) पर स्कॉट्स को हराया तथा आयरलैंड को दबाया। हेनरी की छह पत्नियाँ क्रमश: कैथरीन, ऐनबूलीन, जेनसेमूर, ऐन ऑव क्लीव्ज, कैथरीन हॉवर्ड तथा कैथरीन पार थीं। हेनरी साहसी, स्वेच्छाचारी तथा निर्दय था।
सं. ग्रं. - ए. ऐफ. पोलार्ड : हेनरी vii ; एच. ए. एल. फिश : पोलिटिकल हिस्टरी ऑव इंग्लैंड १४८५-१५४७; ए. डी. इन्स : इंग्लैंड अंडर दि ट्यूडर्स।