हेनरी द्वितीय (११३३-११८९) हेनरी प्रथम की पुत्री मैटिल्डा तथा काउंट ऑव ऐंजू ज्यफ्रॉी प्लैंटेजेनेट का पुत्र था। उसका राजतिलक ११५४ ई. में हुआ था। इसका उद्देश्य सामंतों तथा चर्च की शक्ति को क्षीण करना तथा राजशक्ति की वृद्धि करना था। इसके शासन में केंद्रीय सरकार की शक्तियों की वृद्धि, राजा की अदालत एवं स्वायत्त शासन का विकास तथा जूरी प्रथा की स्थापना आदि विशेष घटनाएँ हुईं। ११६४ के क्लैरेंडन विधान ने राज्य तथा चर्च के संबंधों को नियमाबद्ध किया। कैंटरवरी के आर्कबिशप बेकेट (Becket) से हेनरी के चर्चनीति पर संघर्ष और बाद में बेकेट के वध ने कुछ समय के लिए राज्य की चर्चविरोधी नीति को धक्का पहुँचाया। आयरलैंड को अंशत: विजित किया गया। हेनरी अद्भुत योग्यता, शक्ति तथा संगठनक्षमता रखनेवाला व्यक्ति था।

सं. ग्रं. - के. नोरगेट : 'इंग्लैंड अंडर द ऐंजेविन किंग्स्।'