हिरोशिमा स्थिति : ३४� २३� उ. अ. एवं १३२� २८� पू. दे.। जापान के हांशू द्वीप के दक्षिणी तट पर स्थित यह नगर हिरोशिमा परफेक्चर की राजधानी, एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र एवं बंदरगाह है। यह ओसाका के १८० मील पश्चिम में आंतरिक समुद्रतट पर हिरोशिमा खाड़ी पर सघन जनसंख्यावाले क्षेत्र के मध्य में स्थित है। इस नगर के समीप में ही इसूकू या इताकू शिमा का पवित्र स्थान है। इताकू शिमा का अर्थ प्रकाश द्वीप है जो बेंटेन नामक देवी को समर्पित है। इस द्वीप के कारण हिरोशिमा संपूर्ण जापान में विख्यात है। यह हांशू के अन्य भागों में नदी, रेल एवं नहरों से मिला हुआ है। सिल्क, सूती वस्त्र, यंत्र, जलयान, मोटर, रबर, फी एवं मत्स्य उद्योग उल्लेखनीय हैं। हिरोशिमा द्वितीय विश्वयुद्ध के पूर्व एक महत्वपूर्ण औद्योगिक, रेलमार्ग केंद्र, बंदरगाह एवं सैनिक केंद्र था। ६ अगस्त, १९४५ को संयुक्त राज्य की सेनाओं ने इस नगर पर पहला परमाणु बम गिराया जिससे दो तिहाई भवन नष्ट हो गए एवं लगभग ८० हजार लोगों की मृत्यु हुई। इसके तीन दिन बाद नागासाकी पर बम गिराया गया और शीघ्र ही १४ अगस्त, १८४५ को जापान ने आत्मसमर्पण कर दिया। मृतकों की संख्या के बराबर ही घायल, पंगु, रुग्ण एवं बीमारों की संख्या थी।
बम गिरने के स्थान पर एक अंतरराष्ट्रीय शांति चैत्य बनाया गया है। मिसेन (Misen) ५४० मी सर्वोच्च बिंदु हैं। यहाँ से नगर का दृश्य बहुत ही मनोहर लगता है। बहुत से मंदिर, चैत्य तथा पगोडा यहाँ हैं। हिरोशिमा में विश्वविद्यालय एवं संग्रहालय हैं। इस नगर की जनसंख्या ४,३१,२८५ (१९६०) है। (राजेंद्र प्रसाद सिंह)