हिरण्याक्ष कश्यप और दिति का पुत्र और हिरण्यकशिपु का भाई। इसकी पत्नी का नाम उपदानवी तथा पुत्रों के नाम शंबर, शकुनि, कालनाम, महानाम, उलूम तथा भूतसंतावन था (मत्स्य पृ. ६,१४)। इसने देवताओं को त्रस्त कर रसातल में प्रवेश किया। वहीं वराह रूपधारी विष्णु द्वारा मार डाला गया। मत्स्यपुराण के अनुसार उसकी मृत्यु शाकद्वीप के सुमन पर्वत पर हुई। (चंद्रभान पांडेय)