हाली, ख्वाज: अल्ताफ हुसेन इनके पूर्वज दिल्ली के गुलाम वंश के समय में हिंदुस्तान आए और पानीपत में जागीर पाकर वहीं बस गए। ये अनसारी कहलाते थे। हाली का जन्म सन् १८३७ ई. में यहीं हुआ और आरंभ में उर्दू, फारसी तथा अरबी की शिक्षा इन्हें वहीं मिली। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए यह सन् १८५४ ई. में दिल्ली आए और दो वर्ष बाद संबंधियों के कहने से पानीपत लौट गए। कविता की ओर इनकी रुचि पहले ही से थी पर जब जहाँगीराबाद के नवाब मुस्तफा खाँ 'शेषता' का सत्संग इन्हें मिला तब कविता का प्रेम दृढ़ हो गया। शेषता की मृत्यु पर यह लाहौर गए और सरकारी बुकडिपो में अंग्रेजी से उर्दू में अनुवादित पुस्तकों के संशोधन निरीक्षण का कार्य करने लगे। इनके साहित्यिक जीवन का यह काल महत्वपूर्ण है क्योंकि इन्होंने यहाँ बहुत सी अंग्रेजी पुस्तकें पढ़ीं तथा अंग्रेजी साहित्य के विचारों को सूक्ष्म दृष्टि से देखा और समझा। इनको लेकर इन्होंने समग्र उर्दू साहित्य तथा काव्य का संशोधन परिवर्तन करने का आंदोलन चलाया। लाहौर में चार वर्ष रहकर यह दिल्ली चले आए ओर एक स्कूल में अध्यापक हो गए। यहीं यह सर सैयद अहमद खाँ से मिले ओर उनके आदेश पर 'मद्दोजज़रे इस्लाम' नामक लंबी कविता लिखी, जिसे 'मुसद्दसे हाली' भी कहते हैं। सन् १८८७ ई. में हैदराबाद सरकार से इन्हें एक सौ रुपए की मासिक वृत्ति मिलने लगी और यह नौकरी छोड़कर साहित्यसेवा में लग गए। सन् १९०४ ई. में इन्हें शम्सुल् उलमा की पदवी साहित्यिक तथा शिक्षण सेवा के उपलक्ष में मिली। सन् १९१४ ई. में इनकी मृत्यु हो गई।

उर्दू भाषा तथा साहित्य के क्षेत्र में हाली का व्यक्तित्व अनुपम है। गजल, मर्सिए, आदि कहने के सिवा यह साहित्यमर्मज्ञ, गद्यलेखक, समालोचक आदि सब कुछ थे और प्रत्येक क्षेत्र में इन्होंने कोई न कोई नया मार्ग निकाला, जो इनकी निजी विशेषता है। जिन कवियों ने उर्दू काव्य के प्रवाह को सरलता तथा सत्यता की ओर मोड़ा था उनमें हाली उत्कृष्ट कोटि के थे। उर्दू गद्यलेखन में भी इन्होंने ऐसी शैली चलाई जो साहित्यिकता के साथ जातीय बुद्धि के परिष्करण तथा समाजसुधार में भी अत्यंत लाभप्रद सिद्ध हुई। उर्दू में वैज्ञानिक आलोचना की नींव इनकी रचना 'मुकद्दम: शेरो शाअरी' के साथ ही पड़ी और साहित्य तथा जीवन का क्या संबंध है इसे इसी बड़े साहित्यिक ने बतलाया। इन्होंने गालिब तथा सादी की सवानिह उमरियाँ लिखकर उर्दू में साहित्यिक जीवनचरित्र लिखने का ढंग चलाया। (रजिया सज्जाद)