हार्डी, टॉमस (१८४०-१९२८) जन्म वेसेक्स प्रदेश में हुआ। यह प्रदेश प्राचीन काल में इंग्लैंड के नक्शे पर था, किंतु अब नहीं है। उनका सभी साहित्य वेसेक्स से संबंधित है१ उनके उपन्यास वेसेक्स के उपन्यास कहलाते हैं और उनकी कविता वेसेक्स की कविता।

हार्डी ने कवितालेखन से साहित्यसेवा आरंभ की, किंतु प्राथमिक रचनाएँ उन्होंने नष्ट कर दीं। १८७० से १८९८ तक उन्होंने कथासाहित्य को समृद्ध किया। वे जीवन और संसार के परिचालन में कोई न्याय अथवा व्यवस्था न देखते थे उनके अनुसार एक अंधी शक्ति इस जगत् के कार्यकलापों का परिचालन करती थी। इस अंधी शक्ति को वे 'इम्मेनेंट विल' कहते थे - ऐसी चालकशक्ति जो जीवन और संसार में निहित है।

अपने कथासाहित्य में हार्डी ने जगत् के व्यापारों पर अपना आक्रमण उत्तरोत्तर अधिक तीखा किया। पहले उपन्यासों में यह अपेक्षाकृत हल्का है। १८७९ में उनकी पहली उपलब्ध रचना प्रकाशित हुई, 'डेस्परेट रिमेडीज़', १८७२ में दूसरी, 'अंडर दि ग्रीनवुड ट्री' और १८७३ में तीसरी 'ए पेयर ऑव ब्ल्यू आइज'। अगली रचना 'फार फ्राम दि मैडिंग क्राउड' अधिक प्रौढ़ कृति है और इसके प्रकाशन के बाद उनकी ख्याति बढ़ी। आत्मविश्वास प्राप्त कर हार्डी ने विश्व की गति पर अपना आघात अधिक तीव्र कर दिया। इस काल की रचनाओं में सर्वश्रेष्ठ हैं 'दि वुडलैंडर्स', 'दि रिटर्न ऑव दि नेटिव', 'दि ट्रंपेट मेजर' और 'दि मेयर ऑव वास्टरब्रिज'। इसके बाद दो उपन्यास और लिखे गए जिनमें हार्डी घोर निराशा में डूब गए हैं।

आलोचकों के प्रहारों से घबराकर हार्डी ने उपन्यास लिखना छोड़कर कविता लिखना शुरु किया। बीस वर्ष तक उन्होंने कविता लिखी और अपने लिए ख्याति के नए द्वार खोले। कविता में भी हार्डी अपने विचारदर्शन को व्यक्त करते रहे, किंतु कविताओं में व्यक्त आघातों से पाठक और आलोचक उस हद तक मर्माहत न हुए। हार्डी का कहना था कि 'यदि गैलिलियो ने कविता में लिखा होता कि पृथ्वी घूमती है, तो शायद उन्हें इतनी तकलीफ न सहनी पड़ती।' कविता को एक बार पुन: अपनाकर हार्डी अपने साहित्यिक जीवन के प्रथम प्रेम की ओर मुड़े थे।

इसी बीच इन्होंने अपनी सबसे महत्वपूर्ण कृति 'दि डाइनास्ट्स' (The dynasts) लिखी। यह तीन भागों में प्रकाशित हुई। यह रचना नाटक के रूप में महाकाव्य है। इसे भौतिक रंगमंच पर नहीं खेला जा सकता। इसका अभिनय कल्पना के मंच पर ही संभव है। कथावस्तु नैपोलियन के अभियान से संबंधित है। यह विश्वविजेता भी क्रूर नियति का शिकार था। जीवन की शक्ति कालचक्र को घुमाती रहती है और सदाचारी तथा दुराचारी सभी उसमें पिसते रहते हैं। इस रचना में हार्डी का विचारदर्शन बहुत स्पष्टता से व्यक्त हुअ है।

हार्डी की अंग्रेजी साहित्य को महत्वपूर्ण देन है। उन्होंने एक छोटे से क्षेत्र का विशेष अध्ययन किया और क्षेत्रीय साहित्य की सृष्टि की। हिंदी में इस प्रकार के साहित्य को आंचलिक साहित्य कह रहे हैं। उन्होंने मानव जीवन के संबंध में अपने साहित्य में आधारभूत प्रश्न उठाए और जो मर्यादा पूर्वकाल में महाकाव्य और दु:खांत नाटक को प्राप्त थी, वह उपन्यास को प्रदान की। वे अनेक पात्रों के स्रष्टा और अद्भुत् कहानीकार थे। किंतु इनके पात्रों में सबसे अधिक सशक्त बेसेक्स है। इस पात्र ने काल का प्रवाह उदासीनताभरे नेत्रों से देखा है, जिनमें न्याय और उचित अनुचित की कोई अपेक्षा नहीं।

उनकी मृत्यु १६ जनवरी, १९२८ को हुई ओर अब उन्हें वह सम्मान मिला, जो जीवनपर्यत कभी न मिला था।श्श् (हरिदत्त वेदालंकार)