हॉकिंस, कैप्टेन विलियम सन् १६०० में इंग्लैंड की महारानी एलिजबेथ ने ईस्ट इंडिया कंपनी को पूर्वीय देशों में व्यापार करने के लिए पंद्रह वर्ष की अवधि के लिए एकाधिकार प्रदान किया। कंपनी के आदेशानुसार पूर्वीय देशों की कुछ जलयात्राएँ हो जाने के बाद सन् १६०८ में फैक्ट्रियाँ खोलने की सुविधा प्राप्त करने के लिए कैप्टेन विलियम हॉकिंस को भारत भेजा गया। विलियम हॉकिंस सर जाँन हॉकिंस का भतीजा था। जब विलियम भारत पहुँचा उस समय यहाँ मुगल सम्राट् जहाँगीर शासन कर रहा था। जहाँगीर ने कैप्टेन विलियम का १६०९ में अपने दरबार में स्वागत किया और उसकी प्रार्थना पर अंग्रेजों को सूरत में बस जाने की आज्ञा दे दी। सूरत के व्यापारियों ने अंग्रेजों को दी गई सुविधा का विरोध किया। उधर पुर्तगाली अपने शत्रुतापूर्ण कारनामों में संलग्न थे। इसपर जहाँगीर ने अंग्रेजों को दी हुई सुविधा रद्द कर दी। विलियम हॉकिस सन् १६११ में आगरा से चला गया। (मिथिलेश पांडा)